Mehul Choksi Arrested: भारतीय बैंकिंग इतिहास के सबसे चर्चित घोटालों में से एक के आरोपी मेहुल चौकसी की कानूनी लड़ाई एक बार फिर सुर्खियों में है। ताजा घटनाक्रम में चौकसी के वकील विजय अग्रवाल ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया और उसके संभावित प्रभावों को लेकर अहम बयान दिए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को एक संवेदनशील मानवाधिकार के मुद्दे के रूप में प्रस्तुत किया है।
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Mehul Choksi Arrested: प्रत्यर्पण बनाम मानवाधिकार
वकील विजय अग्रवाल का मानना है कि यदि मेहुल चौकसी को भारत प्रत्यर्पित किया गया, तो यह उनके मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। उन्होंने कहा, “यह अंतरराष्ट्रीय प्रक्रिया का हिस्सा होता है कि जब कोई देश किसी आरोपी को वापस लाने की मांग करता है, तो पहले औपचारिक गिरफ्तारी होती है, फिर बेल दी जाती है, और उसके बाद प्रत्यर्पण को चुनौती दी जाती है।”
उन्होंने संजीव भंडारी के केस का उदाहरण देते हुए कहा कि उस केस की हार के बाद भारत सरकार के लिए प्रत्यर्पण कराना पहले जितना आसान नहीं रहा। इस तरह, चौकसी का मामला एक कानूनी पेचीदगियों से भरी लड़ाई बन गया है।
‘मेहुल भगोड़ा नहीं हैं’ – वकील का दावा
Mehul Choksi Arrested: विजय अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि मेहुल चौकसी को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है, क्योंकि उन्होंने भारतीय जांच एजेंसियों के साथ सहयोग किया है। यह एक महत्वपूर्ण बयान है, क्योंकि इस तरह की कानूनी धाराएं प्रत्यर्पण को प्रभावित कर सकती हैं।
स्वास्थ्य को बनाया गया कानूनी आधार
एक और महत्वपूर्ण पहलू मेहुल चौकसी की स्वास्थ्य स्थिति है। वकील ने बताया कि चौकसी गंभीर रूप से बीमार हैं और कैंसर का इलाज करवा रहे हैं। उनकी चिकित्सीय हालत यात्रा के अनुकूल नहीं है। इसी आधार पर उन्होंने कोर्ट में अनुरोध किया है कि चौकसी को हिरासत में न रखा जाए और उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जांच में शामिल होने की अनुमति दी जाए।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अपील का मुख्य आधार यह होगा कि चौकसी के भागने का कोई जोखिम नहीं है।
Mehul Choksi Arrested: क्या होगी अगली चाल?
Mehul Choksi Arrested: अब सवाल उठता है कि क्या भारत सरकार इस बार सफल हो पाएगी? या फिर यह केस भी कानूनी पेचीदगियों में उलझ कर रह जाएगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि मेहुल चौकसी की वापसी आसान नहीं होगी। उनकी कानूनी टीम हर पहलू को आधार बनाकर इस प्रत्यर्पण को टालने की कोशिश कर रही है — चाहे वो मेडिकल रिपोर्ट हो या मानवाधिकार की दलील।
Mehul Choksi Arrested: मेहुल चौकसी का मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि आर्थिक अपराधों के आरोपी, यदि देश से बाहर चले जाएं, तो उन्हें वापस लाना एक जटिल और लंबा कानूनी युद्ध बन जाता है। जहां एक ओर भारत सरकार इस मामले में सख्त रवैया अपनाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर आरोपी की कानूनी टीम हर दलील के साथ अपनी रक्षा करने को तैयार है।