MEHUL CHAWKASI: पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के 12,000 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी को भारत लाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
केंद्र सरकार ने बेल्जियम से उनके प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग करते हुए साफ किया है कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में चौकसी को सभी बुनियादी और आवश्यक सुविधाएं दी जाएंगी।
सरकार ने जेल में मेडिकल, भोजन और सुरक्षा इंतज़ामों का पूरा ब्योरा बेल्जियम कोर्ट को सौंपा है।
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MEHUL CHAWKASI: आर्थर रोड जेल में तय हुई बैरक
गृह मंत्रालय की ओर से बताया गया कि प्रत्यर्पण के बाद मेहुल चौकसी को मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें कॉटन का गद्दा, तकिया, कंबल और साफ चादर दी जाएगी।
MEHUL CHAWKASI: मेडिकल ज़रूरत पड़ने पर लकड़ी या धातु का बिस्तर भी मुहैया कराया जाएगा। मौसम को ध्यान में रखते हुए सेल में हीटिंग की जरूरत नहीं होगी, जबकि विशेष डाइट का प्रावधान मेडिकल अप्रूवल के बाद किया जाएगा।
मेडिकल और सुरक्षा इंतज़ाम
MEHUL CHAWKASI: सरकार ने बेल्जियम कोर्ट को भरोसा दिलाया है कि चौकसी की सेहत का ध्यान रखने के लिए आर्थर रोड जेल में 24 घंटे मेडिकल सहायता उपलब्ध होगी। जेल अस्पताल में छह मेडिकल ऑफिसर, नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन मौजूद रहते हैं।
20 बेड का पूरा अस्पताल जेल परिसर के अंदर ही है और जरूरत पड़ने पर उन्हें पास के सरकारी अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों से इलाज दिलाने की सुविधा भी होगी।
MEHUL CHAWKASI: रोज़मर्रा की सुविधाएं
जेल कैंटीन से फल और स्नैक्स उपलब्ध होंगे। कैदी रोजाना खुले मैदान में व्यायाम कर सकते हैं। योग, मेडिटेशन, इनडोर गेम्स, बैडमिंटन और पढ़ाई की सामग्री भी उपलब्ध है। लाइब्रेरी का उपयोग भी कैदी कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय मानकों पर जोर
MEHUL CHAWKASI: भारत सरकार की ओर से बेल्जियम कोर्ट को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि चौकसी की हिरासत अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप होगी। प्रत्यर्पण मामलों में ऐसे आश्वासन आम तौर पर आवश्यक होते हैं।
हाल ही में विदेशी अधिकारियों ने दिल्ली की तिहाड़ जेल का भी निरीक्षण किया था, जहां कैदियों की सुरक्षा, भोजन और रहने की स्थिति का आकलन किया गया था। ब्रिटिश अधिकारियों ने भी कई बार भारत की जेल स्थितियों पर गौर किया है।
विवादित पृष्ठभूमि
66 वर्षीय चौकसी को इस साल अप्रैल में बेल्जियम के एंटवर्प से गिरफ्तार किया गया था। उनके वकीलों का कहना है कि वह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें कैंसर भी शामिल है।
इसी कारण उनके प्रत्यर्पण और हिरासत को लेकर कई सवाल खड़े किए जा रहे हैं। वहीं भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि स्वास्थ्य संबंधी सभी जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा।