Thursday, December 25, 2025

Manipur: एक बार फिर मणिपुर में हुई हिंसक झड़प, 13 फरवरी को लगा था राष्ट्रपति शासन

मणिपुर में बीते कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर हिंसा की खबरें सामने आई हैं। राज्य के चुराचांदपुर जिले में कुकी-जो समुदाय की दो जनजातियों, हमार और जोमी के बीच झड़प ने क्षेत्र में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है।

यह हिंसा उस समय भड़क उठी जब दोनों पक्षों ने एक विवादित स्थल पर अपने-अपने समुदायों के झंडे फहरा दिए। यह घटना वी. मुन्होइह और रंगकाई गांवों की है, जो पहले से ही संवेदनशील माने जाते हैं। इस घटना के बाद दोनों गांवों में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।

13 फरवरी से लगा राष्ट्रपति शासन

बता दें कि मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है और तब से केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती के बाद हालात में कुछ हद तक सुधार देखा गया था, लेकिन ताजा हिंसा ने एक बार फिर इस क्षेत्र को अस्थिरता की ओर धकेल दिया है।

चुराचांदपुर जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए वी. मुन्होइह और रंगकाई गांवों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। जो 17 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा। प्रशासन की ओर से दोनों समुदायों के नेताओं के साथ बैठक कर शांति बनाए रखने की अपील की गई है।

समूह के भीतर विभाजन

हमार और जोमी दोनों को कुकी-जो समूह का हिस्सा माना जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में इन समुदायों के बीच आपसी अविश्वास और टकराव बढ़ते जा रहे हैं। जानकारों का मानना है कि इस तरह की आंतरिक झड़पें राज्य में पहले से मौजूद जातीय तनाव को और अधिक जटिल बना रही हैं।

जहां एक ओर मणिपुर लंबे समय से मेइती और कुकी समुदायों के बीच संघर्ष झेल रहा है, वहीं अब कुकी समूह के भीतर भी विभाजन की स्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है।

झंडा लगाने को लेकर विवाद

स्थानीय लोगों का कहना है कि झंडा लगाने की घटना को लेकर पहले जुबानी बहस हुई, जो बाद में झड़प में बदल गई। हालांकि अभी तक किसी बड़े जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है, लेकिन गांवों में तनाव का माहौल बना हुआ है। हालात को काबू में रखने के लिए अर्धसैनिक बलों की गश्त बढ़ा दी गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य सरकार और केंद्र को इस बात पर ध्यान देना होगा कि केवल बाहरी संघर्ष ही नहीं, बल्कि आंतरिक गुटबाज़ी भी मणिपुर में अस्थिरता की एक बड़ी वजह बनती जा रही है। यदि समय रहते इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो राज्य में शांति बहाली की कोशिशें कमजोर पड़ सकती हैं।

यह भी पढ़ें: Tahavwur Rana: हाथ-पैर में बेड़ियां..कमर में जंजीर, अमेरिका ने इस तरह सौंपा था आतंकी राणा को; पढ़ें पूरी रिपोर्ट

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
Madhuri
Madhurihttps://reportbharathindi.com/
पत्रकारिता में 6 वर्षों का अनुभव है। पिछले 3 वर्षों से Report Bharat से जुड़ी हुई हैं। इससे पहले Raftaar Media में कंटेंट राइटर और वॉइस ओवर आर्टिस्ट के रूप में कार्य किया। Daily Hunt के साथ रिपोर्टर रहीं और ETV Bharat में एक वर्ष तक कंटेंट एडिटर के तौर पर काम किया। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और एंटरटेनमेंट न्यूज पर मजबूत पकड़ है।
- Advertisement -

More articles

- Advertisement -

Latest article