राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही सफर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली से मथुरा और वृंदावन तक का सफर किसी आम ट्रेन से नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे आलीशान ट्रेनों में गिनी जाने वाली महाराजा एक्सप्रेस से किया।
यह ट्रेन हर मामले में शाही ठाठ-बाट से सजी हुई थी और राष्ट्रपति भवन जैसी सुविधाएं लिए हुए थी।
Table of Contents
18 कोच और शाही इंतज़ाम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही सफर: इस ट्रेन में कुल 18 कोच थे, जिनमें दो इंजन, दो पावर कार, लग्ज़री सूइट्स, प्रेजिडेंशियल सूट, डाइनिंग कार, लाउंज और मेडिकल टीम के लिए अलग डिब्बे शामिल थे।
राष्ट्रपति का निजी कोच “नवरत्न” नाम से सजाया गया था। परिवार के लिए “हीरा” और मेडिकल टीम के लिए “नीलम” कोच बनाया गया।
रेस्टोरेंट और लाउंज का शाही अंदाज़
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही सफर: ट्रेन के डाइनिंग एरिया को भी खास नाम दिए गए।
“मयूर महल” और “रंग महल” नामक रेस्टोरेंट में राष्ट्रपति और उनकी टीम ने भोजन किया। लाउंज सेक्शन में “राजा क्लब” और “सफारी” नाम के हिस्से बनाए गए थे, जहां अफसर और अन्य लोग यात्रा के दौरान आराम कर सकें।
राष्ट्रपति की सुरक्षा और स्पेशल नियम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही सफर: यह ट्रेन राष्ट्रपति के लिए पूरी तरह आरक्षित थी।
इसमें आम यात्रियों को सफर की अनुमति नहीं थी। यात्रा के दौरान ट्रेन कहीं रुकी नहीं और सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए।
एयर-कंडीशंड कोच और कड़े प्रोटोकॉल के चलते इसे “चलता-फिरता राष्ट्रपति भवन” कहना गलत नहीं होगा।
मथुरा और वृंदावन में धार्मिक दर्शन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का शाही सफर: इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मथुरा और वृंदावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों के दर्शन किए।
उन्होंने बांके बिहारी मंदिर और श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर पूजा-अर्चना की। यह दौरा आधिकारिक होने के साथ-साथ आध्यात्मिक महत्व भी रखता है।

