LOK SABHA ELECTIONS 2024 RESULT : लोकसभा चुनाव का परिणाम आने में कुछ ही घंटे बाकी है। 4 जून को सुबह 8 बजे EVM का पिटारा खुल जायेगा। परिणाम घोषित होने के साथ ही ये भी पता लग जायेगा की देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनेगी या नहीं। ऐसे में हम सबके मन में ये सवाल उठते हैं की मतगणना वाले दिन क्या होता हैं। कैसे वोटों कि गिनती की जाती हैं, इन्हे करता कौन हैं और इन सब में समय कितना लगता हैं। मतगणना के बाद EVM का क्या होता हैं। आइये जानते हैं इन सवालों के जवाब।
स्ट्रांग रूम क्या हैं और
कौन खोलता हैं स्ट्रांग रूम का ताला?
ये वही रूम है जहां EVM को कड़ी निगरानी में रखा जाता है। ये रूम जिले के किसी सरकारी कॉलेज में अलॉट किया जाता है। वोटिंग के बाद से ही यह रूम पूरी तरह से कैमरे की निगरानी में होता हैं।मतगणना वाले दिन ही सुबह 7 बजे के आसपास हर पार्टी के उम्मीदवारों या प्रतिनधियों की मौजूदगी में इसका ताला खोला जाता है, इस दौरान रिटर्निंग ऑफिसर और चुनाव आयोग के ऑब्ज़र्वर भी वहा मौजूद रहते हैं। पूरी प्रक्रिया की बकायदा वीडियोग्राफी की जाती है। इसके बाद EVM की कंट्रोल यूनिट (CU) काउंटिंग वाली टेबल पर लाई जाती है। इस प्रक्रिया का भी वीडियो बनाया जाता है साथ ही सीसीटीवी से भी निगरानी होती रहती हैं।
कितने बजे शुरू होती हैं मतगणना और पहला रुझान कब आता है?
मतगणना वाले दिन सुबह 8 बजे से ही गिनती शुरू हो जाती हैं। रिटर्निंग ऑफिसर के पास ये अधिकार होता है कि वह किसी विशेष परिस्थिति या emergencies में टाइम आगे-पीछे कर सकता है।सबसे पहले पोस्टल बैलट और इलेक्ट्रॉनिक पोस्टल बैलट की गिनती होती है जिसमें करीब 30 मिनट का वक्त लगता है।
पोस्टल बैलट की गिनती के तुरंत बाद ही EVM के वोटों की गिनती शुरू हो जाती हैं। पहला रुझान सुबह 9:00 बजे के आसपास आ जाता है।
कैसे चुने जाते है मतगणना करने वाले अधिकारी?
सभी काउंटिंग सेंटर्स पर एक हॉल में कुल 15 टेबल लगी होती है जिनमें से 14 टेबल काउंटिंग के लिए और एक टेबल रिटर्निंग ऑफिसर के लिए होती है। कौनसा कर्मचारी कौनसी टेबल पर काम करेगा ये बात बहुत ही सीक्रेट रखी जाती है। मतगणना वाले दिन ही सुबह 5-6 बजे के बीच हर जिले का निर्वाचन अधिकारी रैंडम तरीके से कर्मचारियों को हॉल और टेबल अलॉट करता है उस से पहले ये बात किसी को नहीं पता होती।
काउंटिंग सेंटर के अंदर कौन-कौन जा सकता है?
काउंटिंग सेंटर के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, कुछ सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते है। जब तक की वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती तब तक किसी भी एजेंट को बहार आने की अनुमति नहीं होती। एक हॉल में 15 एजेंट होते है जिनका चयन उम्मीदवारों द्वारा किया जाता है।
री-काउंटिंग कब होती है?
जब किसी उम्मीदवार या उसके एजेंट को डाटा में गड़बड़ी की आशंका है तो वह री-काउंटिंग यानी दोबारा मतगणना की मांग कर सकता है। चुनाव आयोग के मुताबिक जब तक आधिकारिक तौर पर रिजल्ट की घोषणा नहीं हो जाती, तब तक कोई भी उम्मीदवार री-काउंटिंग के लिए मांग कर सकता है।
कौन करता हैं हार – जीत की घोषणा?
कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स के नियम 63 के तहत मतगणना पूरी होने के बाद रिटर्निंग ऑफिसर हर उम्मीदवार को मिले वोट का डाटा रिजल्ट शीट में डालते हैं और रिजल्ट की घोषणा करते हैं। साथ-साथ विजेता उम्मीदवार को जीत का सर्टिफिकेट भी दिया जाता है।
काउंटिंग के बाद EVM का क्या होता है?
मतगणना पूरी होने के बाद EVM को दोबारा स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता हैं। नियमानुसार काउंटिंग के 45 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रांग में रूम में ही रखना होता है। इसके बाद उन्हें दूसरे स्टोर में शिफ्ट कर दिया जाता है.
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