नींद की कमी और हार्ट रिस्क: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर नींद को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। लेकिन रिसर्च बताती है कि नींद की कमी सीधे तौर पर हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे से जुड़ी है।
देर रात तक जागना और अनियमित नींद न केवल आपके दिमाग बल्कि दिल की सेहत को भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
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नींद का दिल से गहरा रिश्ता
नींद की कमी और हार्ट रिस्क: नींद केवल आराम नहीं, बल्कि हमारे शरीर की नेचुरल हीलिंग प्रोसेस है।
European Heart Journal में पब्लिश हुई एक स्टडी बताती है कि नींद का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना डाइट और एक्सरसाइज।
अगर आपकी नींद का शेड्यूल गड़बड़ है तो हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर और हार्मोनल बैलेंस प्रभावित हो जाते हैं।”
“गोल्डन आवर” कब है सोने का सही समय?
नींद की कमी और हार्ट रिस्क: रिसर्च में पाया गया कि रात 10 बजे से 11 बजे के बीच सोना दिल की सेहत के लिए सबसे बेहतर है। इसे ही “गोल्डन आवर” कहा गया है।
- रात 10:00 से 10:59 के बीच सोने वालों में हार्ट प्रॉब्लम्स का खतरा सबसे कम पाया गया।
- 11 बजे से 11:59 बजे तक सोने वालों में रिस्क लगभग 12% बढ़ गया।
- रात 12 बजे के बाद सोने वालों में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 25% तक बढ़ गया।
- हैरानी की बात यह रही कि 10 बजे से पहले सोने वालों में भी रिस्क 24% ज्यादा पाया गया।
महिलाओं पर असर ज्यादा क्यों?
नींद की कमी और हार्ट रिस्क: स्टडी ने यह भी दिखाया कि नींद की अनियमितता का असर पुरुषों से ज्यादा महिलाओं पर पड़ता है।
इसका कारण है उनका बायोलॉजिकल क्लॉक और हार्मोन साइकिल, जो नींद की गड़बड़ी से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
रिसर्च में कितने लोग शामिल थे?
नींद की कमी और हार्ट रिस्क: इस अध्ययन में 43 से 74 साल की उम्र के हजारों लोगों को शामिल किया गया। सभी को एक ट्रैकिंग डिवाइस पहनाई गई जिससे उनकी नींद के पैटर्न पर करीब 5.7 साल तक निगरानी रखी गई।
नतीजों ने साफ दिखा दिया कि नींद का समय और क्वालिटी सीधे तौर पर हार्ट हेल्थ से जुड़ी हुई है।
कैसे बचें हार्ट रिस्क से?
अगर आप हार्ट डिजीज और स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों से बचना चाहते हैं तो नींद की आदतों पर ध्यान दें।
- रोजाना तय समय पर सोएं और जागें।
- सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप से दूरी बनाएं (डिजिटल डिटॉक्स)।
- रात का खाना हल्का और जल्दी करें।
- बेवजह देर रात तक जागने से बचें।
नींद को हल्के में लेना दिल की सेहत के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। देर रात तक जागना आपकी बॉडी क्लॉक को बिगाड़ सकता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ा सकता है। इसलिए “गोल्डन आवर” यानी रात 10 से 11 बजे के बीच सोने की आदत डालें और अपने दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रखें।

