Lamborghini: अगर आप कारों के दीवाने हैं, तो लैंबॉर्गिनी का नाम जरूर सुना होगा। यह सिर्फ एक कार कंपनी नहीं, बल्कि रफ्तार, लग्जरी और जुनून का नाम है। इसकी गाड़ियों का डिजाइन जितना दमदार होता है।
उतनी ही दमदार इसकी शुरुआत की कहानी भी है। यह कहानी है एक ऐसे इंसान की, जो पहले ट्रैक्टर बनाता था और फिर एक अपमान के बाद उसने दुनिया की सबसे बेहतरीन सुपरकार बना डाली।
Lamborghini: किसान का बेटा, मशीनों का दीवाना
फारुशियो लेम्बोर्गिनी एक किसान परिवार में जन्मे थे। बचपन से ही मशीनों के प्रति उनकी गहरी रुचि थी। दूसरे विश्व युद्ध के बाद, उन्होंने पुरानी आर्मी गाड़ियों से ट्रैक्टर बनाना शुरू किया।
उनकी कंपनी “Lamborghini Trattori” कुछ ही समय में इटली में ट्रैक्टर बनाने वाली बड़ी कंपनियों में गिनी जाने लगी। वे सफल व्यापारी बन चुके थे, लेकिन उनका दिल अब भी स्पीड और स्टाइल वाली कारों के लिए धड़कता था।
जब फेरारी ने उड़ाया मज़ाक
फारुशियो को लग्जरी और स्पोर्ट्स कारों का बहुत शौक था। उनके पास मर्सिडीज, जगुआर, मासेराती और दो फेरारी कारें थीं। लेकिन फेरारी की कारों में क्लच की बार-बार खराबी उन्हें परेशान करती थी।
जब उन्होंने अपनी फैक्ट्री के मैकेनिक से जांच करवाई, तो पता चला कि फेरारी में वही क्लच इस्तेमाल हो रहा था जो ट्रैक्टरों में होता है। फर्क बस कीमत का था।
उन्होंने ये बात जब सीधे एंजो फेरारी से कही, तो उन्होंने ताना मारते हुए कहा, “तुम ट्रैक्टर चलाने वाले हो, कार की समझ नहीं है।”
घमंड को जवाब मिला धांसू कार से
फेरारी के इस अपमान ने फारुशियो को भीतर तक झकझोर दिया। उन्होंने तय किया कि अब वे खुद अपनी स्पोर्ट्स कार बनाएंगे, जो फेरारी से कहीं बेहतर होगी।
1963 में इटली के सैंत’आगाता बोलोनीज़े में उन्होंने एक फैक्ट्री शुरू की और कुछ टॉप इंजीनियरों को नौकरी पर रखा, कुछ तो फेरारी से निकाले गए लोग भी थे।
जल्द ही उन्होंने Lamborghini 350 GT बनाई, जो 240 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक जा सकती थी। उन्होंने अपने राशि चिन्ह ‘वृषभ’ यानी बैल को कंपनी का प्रतीक बनाया, जो आज Raging Bull के नाम से पहचाना जाता है।
अब फेरारी अकेली नहीं थी रेस में
Lamborghini 350 GT के आने के बाद फेरारी को टक्कर देने वाला एक नया खिलाड़ी मैदान में आ चुका था।
जहां फेरारी रेसिंग की विरासत पर गर्व करती थी, वहीं लैंबॉर्गिनी ने अपनी कारों को लक्जरी, ताकत और खूबसूरती का परफेक्ट मेल बना दिया।
आज भी फेरारी और लैंबॉर्गिनी की टक्कर को कार जगत की सबसे दिलचस्प रेस माना जाता है।
फारुशियो लेम्बोर्गिनी ने अपने आत्मसम्मान और जुनून के दम पर एक ऐसी कंपनी खड़ी की, जो आज कार प्रेमियों के लिए एक सपना बन चुकी है।
उन्होंने ये साबित कर दिया कि अगर दिल में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो, तो एक ट्रैक्टर बनाने वाला भी सुपरकार बना सकता है।
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