Kedarnath: उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हाल ही में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश और खराब मौसम के चलते यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। गौरीकुंड में हुई क्रैश की घटना के बाद राज्य सरकार ने एहतियातन हेली सेवा दो दिन के लिए बंद कर दी थी।
इसकी वजह से 1800 से ज्यादा यात्री फंसे रह गए थे। इनमें से ज्यादातर यात्री बुजुर्ग थे, जो पहले से हेली टिकट बुक कर फाटा, गुप्तकाशी और शेरसी जैसे स्थानों तक पहुंच चुके थे।
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Kedarnath: बिना दर्शन घर लौटे यात्री
हेली सेवा बंद होने के कारण यात्रियों को मजबूरी में इन स्थानों पर रुकना पड़ा, जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च झेलना पड़ा। कई यात्री बिना केदारनाथ गए ही घर लौटने को मजबूर हो गए।
इस बीच डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने ट्रांस हेली कंपनी के दो पायलटों योगेश ग्रेवाल और जितेंद्र हरजई का लाइसेंस छह-छह महीने के लिए सस्पेंड कर दिया है।
जांच में पाया गया कि दोनों पायलट्स ने तय शेड्यूल से पहले ही सुबह 5 से 6 बजे के बीच उड़ान भर दी थी, जो गंभीर लापरवाही थी।
एक व्यक्ति की मौत
इधर भारी बारिश ने भी केदारनाथ यात्रा में रुकावटें पैदा कीं। गौरीकुंड और रामबाड़ा के बीच जंगलचट्टी के पास बरसाती नाले में भारी मलबा और बड़े पत्थर आने से पैदल मार्ग बाधित हो गया था।
रविवार को इसी क्षेत्र में मलबा गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। इसके बाद प्रशासन ने सोनप्रयाग से आगे की यात्रा अस्थायी रूप से रोक दी थी।
यात्रा फिर से शुरू
रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को राहत और मलबा हटाने के काम में लगाया।
मार्ग को जल्द ही साफ कर दिया गया और सोमवार सुबह से केदारनाथ यात्रा को दोबारा शुरू कर दिया गया है। साथ ही, हेलिकॉप्टर सेवा भी दो दिन की रोक के बाद अब पुनः शुरू कर दी गई है।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति को देखते हुए सतर्कता बरतें, प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और खराब मौसम में यात्रा से बचें।
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