कर्नाटक के कलबुर्गी में हिन्दू छात्र का जनेऊ उतरवाने की भयावह घटना सामने आई है। सेंट मैरी स्कूल में NEET UG 2025 परीक्षा के दौरान ब्राह्मण छात्र श्रीपद पाटिल से जनेऊ उतारने को कहा गया, जिसके बाद हिंदूवादी और ब्राह्मण संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। कलबुर्गी कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। यह कर्नाटक में जनेऊ से संबंधित तीसरी ऐसी घटना है।
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4 मई, 2025 को कर्नाटक के कलबुर्गी में सेंट मैरी स्कूल, जो NEET UG 2025 परीक्षा का एक केंद्र था, में एक विवादास्पद घटना घटी। ब्राह्मण समुदाय के छात्र श्रीपद पाटिल को परीक्षा केंद्र के अधिकारियों ने कथित तौर पर जनेऊ उतारने के लिए मजबूर किया, बिना इसके उन्हें परीक्षा हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। श्रीपद ने अपने पिता सुधीर पाटिल को इसकी जानकारी दी, जिन्होंने उसे अस्थायी रूप से जनेऊ उतारकर परीक्षा देने की सलाह दी।
घटना की खबर फैलते ही ब्राह्मण समुदाय और हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में परीक्षा केंद्र के बाहर एकत्र हो गए। उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
विरोध प्रदर्शन के दौरान, हिंदूवादी संगठनों ने सड़क पर ही एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें एक हिंदू संत ने मंत्रोच्चार के साथ श्रीपद पाटिल को दोबारा जनेऊ पहनाया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

कर्नाटक में जनेऊ उतरवाने का तीसरा मामला
यह घटना कर्नाटक में जनेऊ से संबंधित तीसरी ऐसी घटना है। इससे पहले:
- 16 अप्रैल, 2025: आदिचुंचनगिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के दौरान छात्रों से जनेऊ उतारने को कहा गया था। इस घटना के बाद सुरक्षा कर्मचारी के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी।
- बिदर में CET परीक्षा: साईं स्फूर्ति पीयू कॉलेज में छात्र सुचिव्रत कुलकर्णी को जनेऊ के कारण गणित की CET परीक्षा में प्रवेश से वंचित कर दिया गया था। इसके बाद कॉलेज के प्रधानाचार्य और एक सहायक को बर्खास्त किया गया था।
इन घटनाओं ने कर्नाटक में धार्मिक प्रतीकों के प्रति संवेदनशीलता और परीक्षा केंद्रों पर नियमों के पालन को लेकर बहस छेड़ दी है। प्रदर्शनकारियों का दावा है कि बार-बार ऐसी घटनाएं सरकार के दिशानिर्देशों को लागू करने में विफलता को दर्शाती हैं।

प्रशासनिक और सरकारी प्रतिक्रिया
कलबुर्गी के कलेक्टर ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि जांच के नतीजों के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार ने पहले की घटनाओं के बाद जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए थे। हालांकि, प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ये दिशानिर्देश प्रभावी रूप से लागू नहीं हो रहे हैं।
राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन NEET UG 2025 के लिए कड़े सुरक्षा उपायों की बात कही थी, जिसमें CCTV निगरानी, पुलिस एस्कॉर्ट के साथ प्रश्नपत्र वितरण, और डिजिटल प्लेटफॉर्म की निगरानी शामिल थी। यह उपाय 2024 के पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स विवाद के बाद लागू किए गए थे।
हिंदूवादी नेता सुहास शेट्टी हत्याकाण्ड के बाद इस घटना ने कर्नाटक में भूचाल ला दिया है:
भाजपा: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस घटना को कांग्रेस सरकार की “हिंदू विरोधी नीतियों” का हिस्सा बताया। BJP प्रवक्ता प्रत्यूष कंठ ने कहा कि यह कांग्रेस की अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति का सबूत है, जो हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है।
हिंदूवादी संगठन: बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला करार दिया। उन्होंने मांग की कि परीक्षा केंद्रों पर धार्मिक प्रतीकों के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए जाएं।
विवादों में रहती है NEET परीक्षा
NEET UG 2025 परीक्षा 4 मई, 2025 को देशभर में आयोजित की गई, जिसमें 22.7 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए। यह परीक्षा MBBS, BDS, और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। 2024 में पेपर लीक, ग्रेस मार्क्स विवाद, और कोर्ट केसों के बाद NTA ने इस बार पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए, जैसे:
- AI-आधारित फोटो मिलान (आवेदन फोटो, केंद्र पर ली गई फोटो, और CCTV फुटेज)।
- जैमर और मेटल डिटेक्टर का उपयोग।
- केवल सरकारी संस्थानों में परीक्षा केंद्र।
हालांकि, जनेऊ विवाद ने इन उपायों पर फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर धार्मिक प्रतीकों के प्रति संवेदनशीलता के मुद्दे पर।
विवरण | जानकारी |
---|---|
घटना | NEET UG 2025 परीक्षा केंद्र पर छात्र से जनेऊ उतारने को मजबूर किया गया |
स्थान | सेंट मैरी स्कूल, कलबुर्गी, कर्नाटक |
तारीख | 4 मई, 2025 |
पीड़ित | श्रीपद पाटिल, ब्राह्मण समुदाय का छात्र |
प्रदर्शन | हिंदूवादी और ब्राह्मण संगठनों ने धरना दिया, सड़क पर यज्ञोपवीत संस्कार किया |
प्रशासनिक कार्रवाई | कलबुर्गी कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए |
पिछली घटनाएं | आदिचुंचनगिरी (16 अप्रैल, 2025) और बिदर में CET के दौरान समान विवाद |
राजनीतिक प्रतिक्रिया | BJP ने कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाया |
सोशल मीडिया | वीडियो और तस्वीरें वायरल, धार्मिक स्वतंत्रता पर बहस |
NEET UG 2025 | 22.7 लाख अभ्यर्थी, कड़े सुरक्षा उपाय, केवल सरकारी केंद्रों में आयोजन |
यह घटना हिन्दुओं की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है, परीक्षा केंद्रों पर नियम हर धर्म के लिए असमानता से बनाए जा रहे हैं। जनेऊ, जो ब्राह्मण समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीक है, को उतारने की मांग ने न केवल स्थानीय समुदाय को आक्रोशित किया, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर बहस छेड़ दी। NEET जैसे राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में स्थानीय सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनशीलताओं को ध्यान में रखने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
कलबुर्गी में सेंट मैरी स्कूल की यह घटना न केवल एक प्रशासनिक चूक को दर्शाती है, बल्कि कर्नाटक में बढ़ते सांप्रदायिक तनाव और धार्मिक प्रतीकों के प्रति संवेदनशीलता की कमी को भी उजागर करती है। जांच के परिणाम और सरकार की कार्रवाई इस मामले के भविष्य को निर्धारित करेंगे। साथ ही, यह घटना भविष्य में परीक्षा केंद्रों पर धार्मिक प्रतीकों से संबंधित स्पष्ट दिशानिर्देशों की आवश्यकता को रेखांकित करती है।