Saturday, November 23, 2024

J&K: ‘वोट के लिए आतंक को बढ़ावा दिया’, DGP ने खोली जम्मू-कश्मीर की पार्टियों की पोल

Revelation on terrorism in Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के DGP रश्मि रंजन स्वेन ने आतंक-राजनीति नेक्सस पर सोमवार (15 जुलाई, 2024) को बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि जम्मू कश्मीर की एक राजनीतिक पार्टी ने यहाँ आतंक का नेटवर्क बढ़ाया और उनके आका तैयार किए ताकि उन्हें वोट मिल सकें। उन्होंने आरोप लगाया कि जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठन लगातार आंतक के लिए पैसा और विचारधारा का समर्थन दे रहे थे।
DGP स्वेन ने कहा कि पूरा सच यह है कि पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर के समाज के हर तबके में घुसपैठ बना ली थी। कश्मीर की राजनीतिक पार्टियों ने इस दौरान दोहरा खेल खेला। आतंकियों के घरों पर जाना और उनसे सहानुभूति दिखाना सामान्य सी बात हो गई थी। नए आतंकियों को तो खत्म करने की छूट दी गई लेकिन जो इन आतंकियों की भर्ती में सहायता करते थे और इनके लिए पैसा लाते थे, उनकी कभी जांच नहीं हुई।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

प्रदर्शनों को वित्तीय मदद दे रही जमात

DGP स्वेन ने कह़ा कि जमात-ए-इस्लामी, जिसने इस आतंक को वैचारिक और मजहबी मान्यता दी, उसको छूने तक नहीं दिया गया। यह तब किया गया जब सबको यह बात पता थी कि जमात ना केवल सरकार के शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि कश्मीर में होने वाले प्रदर्शनों को भी वित्तीय मदद दे रही है। उन लोगों पर कार्रवाई करना एकदम अपराध जैसा बना दिया गया जो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगलते थे, तथ्यों को गलत रूप से पेश करके लगातार अपना नैरेटिव चलाते थे और देश के खिलाफ दुष्प्रचार करते थे।

आतंक का नेटवर्क बढ़ाने का काम किया

DGP स्वेन ने आरोप लगाया कि SP रैंक के अधिकारियों को आतंकियों के साथ जेल में उन अपराधों के लिए ठूंस दिया गया जो उन्होंने कभी किए ही नहीं। DGP स्वेन ने कहा कि 2013 में दो लड़कियों की पानी में डूबने से हुई मौत को आतंक के नैरेटिव को हाइजैक करने दिया गया जिससे घाटी बंधक बन गई। उन्होंने कहा कि स्थितयां यहां तक खराब हो गईं थी कि कश्मीर की सबसे मुख्य पार्टी ने अपने वोट बढ़ाने के लिए आतंक के नेटवर्क और इसके आकाओं को बढ़ाने का तक काम किया था।

- Advertisement -

More articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -

Latest article