Tuesday, July 22, 2025

Jagdeep Dhankhar का अचानक इस्तीफा, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कार्यकाल से पहले छोड़ा पद, स्वास्थ्य या सियासी कारण?

Jagdeep Dhankhar: 21 जुलाई 2025 की शाम, जब संसद का मानसून सत्र शुरू हुआ, उसी दिन देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अचानक इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया।

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उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र भेजकर अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देने की सूचना दी।

उन्होंने स्वास्थ्य कारणों और डॉक्टरों की सलाह का हवाला दिया।

11 दिन पहले कहा था, “2027 में रिटायर हो जाऊंगा”

Jagdeep Dhankhar: सिर्फ 11 दिन पहले, यानी 10 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम में धनखड़ ने खुद कहा था कि वे अपना पूरा कार्यकाल निभाएंगे और 2027 में रिटायर होंगे।

उस वक्त उनके चेहरे और बातचीत में कहीं से भी ऐसा नहीं लगा कि वे किसी तनाव या स्वास्थ्य संकट से जूझ रहे हैं।

अब अचानक इस्तीफा, वह भी कार्यकाल खत्म होने से दो साल पहले, कई राजनीतिक अटकलों को जन्म दे रहा है।

पहले भी दो बार बिगड़ी थी तबीयत

Jagdeep Dhankhar: मार्च 2025 में उन्हें सीने में दर्द के चलते एम्स में भर्ती किया गया था।

जून में उत्तराखंड में एक कार्यक्रम के दौरान भी उनकी तबीयत बिगड़ी थी।

इसी को आधार बनाते हुए उन्होंने इस्तीफा पत्र में कहा कि वे सेहत पर ध्यान देना चाहते हैं।

मोदी सरकार के कद्दावर चेहरे रहे

Jagdeep Dhankhar: जगदीप धनखड़ को 2022 में एनडीए द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया था।

उन्होंने 6 अगस्त 2022 को हुए चुनाव में विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को भारी मतों से हराया और 10 अगस्त को भारत के 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।

उन्हें 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182।

सियासी गलियारों में हलचल, कांग्रेस ने उठाए सवाल

Jagdeep Dhankhar: धनखड़ के इस्तीफे के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सवाल उठाया कि पीएमओ और बीजेपी नेतृत्व की चुप्पी संदेह पैदा करती है।

राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि यह चौंकाने वाला कदम है क्योंकि वे संसद में अब तक सक्रिय थे।

तीसरे उपराष्ट्रपति जिन्होंने पूरा कार्यकाल नहीं निभाया

Jagdeep Dhankhar: भारत के इतिहास में जगदीप धनखड़ तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति बने हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया।

उनसे पहले 1969 में वीवी गिरि ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था और 2002 में कृष्णकांत का कार्यकाल के दौरान निधन हो गया था।

इस्तीफे से ठीक पहले निभाया अंतिम दायित्व

Jagdeep Dhankhar: धनखड़ ने इस्तीफे से कुछ घंटे पहले तक राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया और सांसदों से सदन में संयम बनाए रखने की अपील की।

उनके इस संतुलित व्यवहार के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफे की खबर ने कई तरह की चर्चाओं को जन्म दिया – क्या वाकई कारण सिर्फ स्वास्थ्य है या पर्दे के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम छुपा है?

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