Monday, June 23, 2025

Iran-Israel War: ट्रंप ने ईरान पर दागी तीन मिसाइलें, खामनेई ने इजरायल पर बोला हमला

Iran-Israel War: ईरान और अमेरिका के बीच दशकों से चला आ रहा तनाव अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। हाल ही में अमेरिका द्वारा ईरान की तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाकर किए गए हमले के बाद स्थिति अचानक विस्फोटक हो गई।

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इस हमले के जवाब में ईरान ने न केवल कड़ी चेतावनी दी, बल्कि त्वरित सैन्य प्रतिक्रिया भी दी। सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई इस हमले से बुरी तरह नाराज़ हैं और उन्होंने साफ शब्दों में अमेरिका को इसके “गंभीर परिणाम” भुगतने की चेतावनी दी है।

Iran-Israel War: इजरायल पर सैकड़ों मिसाइलें दागी

खामेनेई ने बयान दिया कि अमेरिका ने ईरान की संप्रभुता पर हमला किया है और यह देश अब चुप नहीं बैठेगा। इसी बयान के तुरंत बाद ईरानी सेना ने इजरायल पर सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।

इन मिसाइल हमलों में इजरायल के उत्तरी और मध्य हिस्सों में भारी नुकसान हुआ है और करीब 23 लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है।

इजरायल की इलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन के अनुसार, दक्षिणी इलाकों में बिजली के बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को गंभीर नुकसान हुआ है, जिससे कई शहरों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई है।

मोसाद के जासूस को दी फांसी

ईरान का कहना है कि यह केवल शुरुआत है। यदि उसे और उकसाया गया तो उसका जवाब और भी बड़ा और भयानक होगा। इस पूरे घटनाक्रम के बीच ईरान ने एक ऐसे व्यक्ति को फांसी पर चढ़ा दिया है,

जिस पर आरोप था कि वह इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद के लिए जासूसी कर रहा था। इससे ईरान ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वह अब अंदरूनी और बाहरी दोनों मोर्चों पर पूरी ताकत से कार्रवाई करेगा।

ट्रंप ने किया हमले का बचाव

दूसरी ओर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले का बचाव करते हुए कहा कि ईरान को परमाणु हथियार हासिल करने से रोकने के लिए यह जरूरी कदम था। ट्रंप ने कहा कि अगर समय रहते यह हमला नहीं किया जाता,

तो दुनिया को ईरान से बड़ा खतरा हो सकता था। हालांकि, इस कार्रवाई ने पहले से ही अस्थिर मिडिल ईस्ट को और अधिक संवेदनशील बना दिया है।

खाड़ी क्षेत्रों पर पड़ेगा असर

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव सिर्फ ईरान और अमेरिका या इजरायल के बीच नहीं रह गया है, बल्कि यह एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है।

अगर हालात नहीं संभाले गए, तो इसका असर पूरे खाड़ी क्षेत्र, और संभवतः वैश्विक स्तर पर, तेल आपूर्ति, व्यापारिक रास्तों और सुरक्षा संतुलन पर पड़ेगा।

मध्य पूर्व की जमीन एक बार फिर युद्ध की गर्मी महसूस कर रही है, जहां एक चिंगारी किसी बड़े विस्फोट का कारण बन सकती है। अब दुनिया की निगाहें इस पर टिकी हैं कि यह संघर्ष सीमित रहेगा या विश्व युद्ध की दिशा में बढ़ेगा।

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Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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