Indian Defence System: पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर के जरिए करारा जवाब देने के बाद अब भारत अपनी रक्षा रणनीति को अंतरिक्ष तक ले जा रहा है।
मोदी सरकार अगले चार सालों में 52 डिफेंस सैटेलाइट्स लॉन्च करने की तैयारी में है, जो देश की सीमाओं के साथ-साथ हिंद महासागर तक पर पैनी नजर रखेंगे।
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26,968 करोड़ रुपये की भारी-भरकम योजना को मिली हरी झंडी
Indian Defence System: इस हाई-टेक मिशन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने पहले ही स्वीकृति दे दी है।
अक्टूबर 2024 में इस योजना को 26,968 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी। इसका संचालन डिफेंस स्पेस एजेंसी (DSA) द्वारा किया जा रहा है।
AI आधारित निगरानी, भारतीय सेना की आंखें बनेंगे सैटेलाइट
Indian Defence System: ये सभी 52 सैटेलाइट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक पर आधारित होंगे। इनमें से 21 सैटेलाइट्स ISRO बनाएगा और लॉन्च करेगा, जबकि 31 सैटेलाइट्स का निर्माण भारतीय निजी कंपनियों द्वारा किया जाएगा।
ये सैटेलाइट्स दो अलग-अलग कक्षाओं में तैनात किए जाएंगे:
Indian Defence System: Low Earth Orbit (LEO) – तेज़ डेटा ट्रांसमिशन के लिए
Geostationary Orbit (GEO) – व्यापक निगरानी के लिए
SBS-3 फेज़ के तहत लॉन्चिंग, अप्रैल 2026 से शुरू
Indian Defence System: इस प्रोजेक्ट को Space-Based Surveillance Phase-3 (SBS-3) का नाम दिया गया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पहला सैटेलाइट अप्रैल 2026 में लॉन्च किया जाएगा, हालांकि समय सीमा को और घटाने की भी कोशिशें चल रही हैं।
इस योजना का मकसद चीन और पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा, खासकर लद्दाख, अरुणाचल, कश्मीर, पंजाब और राजस्थान की सीमाओं पर 24×7 निगरानी रखना है।
हिंद महासागर से लेकर सीमा तक, हर हरकत पर रहेगी नजर
Indian Defence System: इन सैटेलाइट्स के ज़रिए सिर्फ ज़मीनी सीमाएं ही नहीं, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भी भारत की निगरानी क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी।
समुद्री निगरानी के जरिए दुश्मन के जहाजों और पनडुब्बियों की पहचान पहले से कहीं ज़्यादा आसान होगी।
हाई-ऑल्टीट्यूड एयरक्राफ्ट भी होंगे तैनात
Indian Defence System: इसी योजना के हिस्से के तौर पर भारतीय वायुसेना तीन हाई-ऑल्टीट्यूड प्लेटफॉर्म सिस्टम एयरक्राफ्ट्स पर भी काम कर रही है, जो ऊंचाई से लंबी दूरी तक निगरानी कर सकेंगे।
ये एयरक्राफ्ट उपग्रहों की मदद से रीयल टाइम डेटा पहुंचाएंगे।
चीन की स्पेस ताकत को चुनौती देने की तैयारी
Indian Defence System: एक रिपोर्ट के अनुसार, 2010 में चीन के पास जहां केवल 36 मिलिट्री सैटेलाइट्स थे, वहीं आज उनके पास 1000 से अधिक सैटेलाइट्स हैं, जिनमें से 360 से ज़्यादा सिर्फ निगरानी (ISR) के काम में इस्तेमाल होते हैं।
चीन के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइलें, इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, और लेजर हथियार भी हैं। ऐसे में भारत की यह सैटेलाइट योजना उसकी ताकत का रणनीतिक जवाब मानी जा रही है।