Indigenous weapon system in India: जहां पूरी दुनिया में इस वक्त उथल-पुथल के हालात हो रहे हैं और दुनिया दो गुटों में बंटती हुई नजर आ रही है। ऐसे समय में भारत की ओर से भी भविष्य की स्थित को ध्यान में रखते हुए एक के बाद एक बड़े फैसले लिए जा रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय वायुसेना भी बड़ा फैसला किया है।
भारतीय वायुसेना अपनी जरूरत का सभी सामान भारत में ही बनाने पर विचार कर रही है। इस काम को पूरा करने के लिए वायुसेना ने समय भी तय किया है। आपको बता दें कि हर साल 8 अक्टूबर को वायुसेना दिवस मनाया जाता है। इससे पूर्व यह ऐतिहासिक निर्णय देश का गौरव और सैनिकों का मनोबल बढ़ाने वाला है।
2047 तक सभी उत्पादन भारत में करने पर विचार
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है। वायुसेना दिवस से कुछ ही दिन पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनावों और संघर्षों पर चर्चा की। इस दौरान वायुसेना के प्रमुख ने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणालियों का होना जरूरी है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायुसेना 2047 तक अपने सभी सामान का उत्पादन भारत में ही करने पर विचार कर रही है।
चीन एलएसी पर तेजी से निर्माण कर रहा
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीन का भी जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर बुनियादी ढांचे का निर्माण काफी तेजी से कर रहा है। चीन खासकर लद्दाख सेक्टर में ये काम ज्यादा कर रहा है।
एस-400 पर भी दिया अपडेट
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए वायुसेना प्रमुख ने बताया कि रूस ने भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट की आपूर्ति कर दी है। रूस ने अगले साल तक एस-400 की बाकी दो यूनिट की आपूर्ति करने का वादा किया है। (इनपुट: भाषा)