India-Pakistan War 2025: 11 मई 2025 को भारतीय सेना ने इतिहास रच दिया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत महज़ 90 मिनट के भीतर ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान के 11 प्रमुख एयरबेस को निशाना बनाकर उनकी सैन्य शक्ति की रीढ़ तोड़ दी।
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ब्राह्मोस मिसाइलों ने बजाया युद्ध का बिगुल
India-Pakistan War 2025: भारत ने इस ऑपरेशन में अत्याधुनिक ब्राह्मोस मिसाइलों का उपयोग किया। इन मिसाइलों की तीव्र गति, सटीक निशाना और भेदक शक्ति ने पाकिस्तान के हवाई ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। रनवे, रडार सिस्टम, हैंगर और सैन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर को विशेष रूप से निशाना बनाया गया।
तबाह हुए पाकिस्तान के 11 एयरबेस
India-Pakistan War 2025: भारत की कार्रवाई में 11 एयरबेस पूरी तरह नष्ट कर दिए गए:
नूर खान एयरबेस (रावलपिंडी) – इस्लामाबाद के नजदीक वीआईपी मूवमेंट और सैन्य लॉजिस्टिक्स का मुख्य केंद्र।
रफीकी एयरबेस (शोरकोट) – फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स का प्रमुख बेस।
मुरीद एयरबेस (पंजाब) – पायलट ट्रेनिंग और मिसाइल स्टोरेज सेंटर।
सुक्कुर एयरबेस (सिंध) – दक्षिणी पाकिस्तान की रसद प्रणाली का अहम हिस्सा।
सियालकोट एयरबेस (पूर्वी पंजाब) – अग्रिम युद्ध संचालन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण।
पसरूर एयरस्ट्रिप (पंजाब) – आपातकालीन विमानों की लैंडिंग साइट।
चूनियन एयरबेस (मध्य पंजाब) – रडार और संचार प्रणाली का मुख्य केंद्र।
सरगोधा/मुशफ एयरबेस – पाकिस्तान का सबसे बड़ा और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बेस।
स्कार्दू एयरबेस (गिलगित-बाल्टिस्तान) – LAC के पास निगरानी का मुख्य आधार।
भोलारी एयरबेस (कराची के पास) – नौसेना और वायुसेना का संयुक्त बेस।
जैकोबाबाद एयरबेस (सिंध-बलूचिस्तान सीमा) – अमेरिका द्वारा भी उपयोग किया गया रणनीतिक बेस।
भारत का पाक को मुंह तोड़ जवाब देना जरुरी था
India-Pakistan War 2025: इस ऑपरेशन का उद्देश्य केवल नुकसान पहुंचाना नहीं था, बल्कि पाकिस्तान और दुनिया को यह स्पष्ट संदेश देना था कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करेगा, बल्कि आवश्यकतानुसार पहला कदम भी उठाएगा। पाकिस्तान की हवाई क्षमताएं, रडार नेटवर्क और कमांड हब एक ही झटके में खत्म कर दिए गए।
भाजपा और सैन्य विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए इस ऑपरेशन को भारतीय सेना की साहसिक और रणनीतिक उपलब्धि बताया। उन्होंने विस्तार से बताया कि किस तरह हर एयरबेस की भूमिका और उसके विनाश से पाकिस्तान को दीर्घकालिक नुकसान हुआ।