India-Bangladesh: मुर्शिदाबाद में इन दिनों वक्फ अमेंडमेंट बिल के विरोध नाम पर हिंदुओं का नरसंघार किया जा रहा है। वहां हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ की जा रही है लेकिन सिर्फ हिंदुओं पर। हालात ये हो गए हैं कि उन्हें वहां से अपने घर छोड़कर पलायन करना पड़ रहा है। इस ही के चलते अब बांग्लादेश की भी इस पर टिप्पणी आयी जिसका भारत ने मुंह तोड़ जवाब दे दिया है।
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मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर बांग्लादेश की अपील पर भारत का मुंह तोड़ जवाब
Bangladesh: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के प्रेस सचिव ने हाल ही में भारत से अपील की थी कि वह मुर्शिदाबाद में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जहां हालिया हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए। भारत ने इस अपील को खारिज करते हुए कहा कि यह एकतरफा और भ्रामक बयान है, जो केवल भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश है।
रणधीर जायसवाल ने कहा, “ऐसे अपराधी जो अल्पसंख्यकों को निशाना बना रहे हैं, वे बांग्लादेश में खुलेआम घूम रहे हैं, और वहां की सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।” उन्होनें ये भी कहा कि “आप भारत कि चिंता छोड़ें और अपना घर देखें।”
भारत ने बांग्लादेश की टिप्पणी को बताया भ्रामक और बेबुनियाद
Bangladesh: भारत ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून को लेकर हुई हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को सख्ती से खारिज किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह बयान पूरी तरह से गलत और आधारहीन है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश को भारत पर इस तरह की टिप्पणी करने के बजाय अपने देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान देना चाहिए। भारत ने इसे एक रणनीतिक प्रयास बताया, जिसका उद्देश्य बांग्लादेश में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों से अंतरराष्ट्रीय ध्यान हटाना है।
बांग्लादेश में बढ़ रहे हैं हिंदुओं पर हमले
Bangladesh: भारत की नाराज़गी ऐसे समय सामने आई है जब बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद कट्टरपंथी इस्लामिक गुटों ने मंदिरों, पूजा स्थलों और धार्मिक नेताओं को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट्स के अनुसार अब तक लगभग 200 मंदिरों में तोड़फोड़ की गई है और कई पुजारियों को धमकाया या गिरफ्तार किया गया है। त्योहारों के दौरान मंदिरों पर हमले और धार्मिक हिंसा की घटनाएं भी सामने आई हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग
Bangladesh: भारत पहले भी कई बार बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर चिंता जता चुका है। हालांकि बांग्लादेश सरकार हमेशा इन आरोपों से इनकार करती रही है, लेकिन हाल ही में जो घटनाएं सामने आई हैं, उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों और प्रवासी बांग्लादेशी हिंदुओं को भी चिंतित कर दिया है।
कई संगठनों ने मांग की है कि बांग्लादेश सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करे। भारत का मानना है कि ढाका को अपनी जिम्मेदारियों से भागने की बजाय, अपने भीतर झाँककर हालात सुधारने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।