House and land registry becomes expensive in Rajasthan: राजस्थान में जमीन और मकान खरीदना महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने 2 दिसंबर से नई डीएलसी दरें लागू कर दी। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रजिस्ट्री शुल्क में भारी वृद्धि हो गई। शहरी इलाकों में 5 से 15 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई। ऐसा राज्य के तेज शहरीकरण और भूमि के बढ़ते बाजार मूल्य को देखते हुए किया गया। जिन क्षेत्रों में विकास तेजी से हुआ है, वहां दरें अधिक बढ़ाई गई हैं। जयपुर के सीकर रोड और जगतपुरा जैसे इलाकों में डीएलसी दरों में 15 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
इस साल दूसरी बार बढ़ी डीएलसी दरें
यह दूसरी बार है जब इस वर्ष डीएलसी दरों में वृद्धि की गई है। अप्रैल 2024 में भी सरकार ने 10 प्रतिशत दरें बढ़ाई थीं। नई दरें लागू करने से पहले पंजीयन विभाग ने पिछले दो दिनों में अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट किया और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दीं। महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर स्टांप ड्यूटी 5 प्रतिशत रखी गई है, जो पुरुषों के मुकाबले कम है। यह कदम महिलाओं को संपत्ति में हिस्सेदारी देने के उद्देश्य से जारी रखा गया है। जून-जुलाई में जिला स्तरीय समितियों से प्रस्ताव मिले थे। इन प्रस्तावों पर चर्चा के बाद डीएलसी रेट बढ़ाने का निर्णय किया गया।
शहरों में 5 से 15%, कृषि भूमि पर 50 % बढोतरी
शहरी इलाकों में 5 से 15 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में कुछ स्थानों पर 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई। जिन ग्रामीण एरिया में डेवलपमेंट तेजी से हुआ है और शहरीकरण तेजी से बढ़ा है, वहां डीएलसी की दरें 50 फीसदी तक बढ़ाई गई हैं। साथ ही सिंचित कृषि भूमि की डीएलसी रेट में भी 50 फीसदी तक इजाफा किया गया है, क्योंकि अधिकांश जगहों पर सिंचित जमीनों की डीएलसी असिंचित जमीनों के समान या कुछ जगहों पर कम थी।
महंगे घरों पर बढ़ा ज्यादा बोझ
50 लाख रुपये की संपत्ति की रजिस्ट्री करवाने पर पुरुषों को अब 66 हजार रुपये अतिरिक्त देने होंगे, जबकि महिलाओं को 56 हजार 250 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। वर्तमान में महिला के नाम पर रजिस्ट्री करवाने पर करीब 7.5 प्रतिशत की दर लगती है, इसमें 5 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। वहीं स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत सरचार्ज शामिल होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि भूमि की रजिस्ट्री अब बीघा की बजाय हेक्टेयर में की जाएगी। सिंचित भूमि की डीएलसी दरों में 50 प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है। इससे किसानों को बड़ी संपत्तियों पर अधिक शुल्क देना पड़ेगा।
डीएलसी दर के हिसाब से होगी है मकान की रजिस्ट्री
किसी भी जमीन और मकान को खरीदने के लिए डीएलसी दर होती है, उस हिसाब से ही मकान की रजिस्ट्री होती है। डीएलसी दर सरकार की समिति की ओर से निर्धारित की गई जमीन की बाजार कीमत होती है। यह जिला स्तरीय समिति कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी होती है। इसी समिति की ओर से तय दर से अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री होती है और सरकार जमीनों का आवंटन भी करती है। आपको बता दें कि रजिस्ट्री शुल्क वर्तमान में पुरुषों के नाम पर संपत्ति खरीदने पर 8.8 प्रतिशत की दर से रजिस्ट्री शुल्क लगता है, जिसमें 6 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी और 1 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन फीस होती है। साथ ही कुल स्टांप ड्यूटी पर 30 प्रतिशत का अलग से सरचार्ज और अन्य चार्ज लगता है। इस तरह कुल मिलाकर रजिस्ट्री पर 8.8 प्रतिशत की दर से शुल्क लगता है।