Hands Shivering Reason: अक्सर लोग मानते हैं कि हाथ कांपने की समस्या केवल उम्र बढ़ने या नशे की लत से जुड़ी होती है।
लेकिन हाल की रिसर्च में चौंकाने वाली बात सामने आई है। अब यह परेशानी ऐसे लोगों में भी देखी जा रही है जो न तो शराब पीते हैं, न ही स्मोकिंग करते हैं और जिनकी उम्र भी ज्यादा नहीं है।
अगर आप भी इस तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो यह किसी गंभीर बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है।
एसेंशियल ट्रेमर और पार्किंसंस, दो प्रमुख न्यूरोलॉजिकल कारण
Hands Shivering Reason: एसेंशियल ट्रेमर दुनिया की सबसे आम कंपन संबंधी न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें हाथों में बिना किसी कारण के लगातार कंपन होता है।
यह परेशानी आनुवंशिक भी हो सकती है और 30-40 वर्ष की आयु में भी सामने आ सकती है।
इसके अलावा, ‘पार्किंसंस’ नाम की बीमारी भी हाथ कांपने की एक गंभीर वजह है।
इसमें दिमाग में डोपामाइन बनाने वाली सेल्स नष्ट होने लगती हैं, जिससे शरीर का संतुलन बिगड़ने लगता है।
शुरुआती लक्षणों में आराम की स्थिति में भी हाथ कांपना शामिल है।
तनाव, चिंता और नींद की कमी, हो सकते हैं कारण
Hands Shivering Reason: लंबे समय तक मानसिक तनाव या एंग्जायटी में रहना भी हाथ कांपने की एक प्रमुख वजह है।
लगातार चिंता करने से दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर असंतुलित हो जाते हैं, जिससे नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है।
इसके अलावा, नींद की कमी भी एक ट्रिगर है।
जो लोग रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद नहीं ले पाते, उनमें दिमाग और शरीर का तालमेल बिगड़ जाता है और हाथों में कंपन शुरू हो सकता है।
पोषण की कमी और थायरॉइड, अंदरूनी दुश्मन
Hands Shivering Reason: हाथ कांपने की एक और बड़ी वजह शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है, खासकर विटामिन B12, मैग्नीशियम और फोलेट की।
ये तत्व नर्वस सिस्टम को सही तरह से काम करने में मदद करते हैं, और इनकी कमी से मांसपेशियों में कमजोरी और कंपन पैदा हो सकता है।
वहीं हाइपरथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन) भी नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिससे हाथों में झटका या कंपन महसूस होता है।
यह समस्या खासकर महिलाओं में आम पाई जाती है।
समय रहते जांच कराएं
Hands Shivering Reason: अगर आप भी बिना किसी स्पष्ट कारण के हाथ कांपने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें।
यह आपके शरीर के नर्वस सिस्टम की गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।
डॉक्टरी सलाह लें, टेस्ट कराएं और सही इलाज से इसे नियंत्रण में लाएं, क्योंकि शुरुआत में पहचानने पर इन बीमारियों को मैनेज करना आसान होता है।