Haldwani Case: हल्द्वानी रेलवे ट्रैक के पास अतिक्रमण हटाने का मामला लंबे समय से सुप्रीम कोर्ट में चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी 24 जुलाई को इस पर फैसला सुनाते हुए कहा कि सबसे बड़ी जो यहां रह रहे हैं, वो भी इंसान है और सालों से यहां रहते आ रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब ऐसे मामले सामने आते हैं तो वो निर्दयी होकर फैसला नहीं ले सकती। अदालतों को संतुलन बनाये रखने की जरुरत है और राज्य सरकार को भी इसमें कुछ करने की जरुरत है। रेलवे ने अभी तक इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा अगर आपको लोगों को बेदखल ही करना है तो पहले नोटिस जारी करें, जनहित याचिका के सहारे क्यों। आप इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते है। रेलवे के इसके तर्क में कहा की उसे वहां वनडे भारत ट्रेन चलानी जिसके लिए उसे इस जगह की आवयश्कता है।
ये था पूरा मामला
साल 2023 में हल्द्वानी में जब अवैध अतिक्रमण हटाए जा रहे थे तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के दौरान इस पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रेलवे कि बात वो समझ रहा है लेकिन अब इसमें बैलेंस लाने की बहुत जरूरत है। कोर्ट ने रेलवे से पूछा भी आप ये बताइये इनके पुनर्वास को लेकर आपने क्या सोचा है। जिसके जवाब में रेलवे ने कहा कि उन्हें अपनी जमीनों के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
पहले पुनर्वास का विकल्प सोचें फिर इन्हे हटाएं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस पूरे मामले के दौरान पुनर्वास के लिए विकल्प ढूंढ़ने के जरुरत है। फॉरेस्ट एरिया को छोड़कर किसी दूसरे लैंड को ढूढ़ने कि जरुरत है। वहां कुल 4365 घर हैं और वहां पर 50 हजार लोग रह रहे हैं। इन घरों में लोग सालों से रह रह रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को एक पॉलिसी डिसीजन लेना चाहिए। उत्तराखण्ड के चीफ सेक्रेटरी और केंद्र सरकार का संबंधित विभाग के अधिकारी इस मामले को लेकर आपस में बैठें और इसका हल ढूंढें। ये पुनर्वास योजना ऐसी हो जिसमें सबकी सहमति हो।
सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्तों का समय दिया
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो परिवार इससे प्रभावित हैं,उनका तुरंत पता लगाएं। चार हफ्तों के अनादर इस योजना पर काम हो जाना चाहिए और पांचवे हफ्ते में सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे ट्रैक के किनारे पर रह रहे लोगो को हटाने के मामले में रोक लगाने के फैसले को जारी रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को रेलवे ट्रैक के किनारे रह रहे लोगो के पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है।
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