Green Tea: गर्मियों और उमस भरे मौसम में पसीना ज्यादा बहने की वजह से हमारे शरीर से पानी व इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा घट जाती है।
इसके चलते थकान, चक्कर और सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में सिर्फ ठंडे पानी या जूस से काम नहीं चलता।
हमें ऐसा पेय चाहिए जो फ्लूइड रिटेंशन बढ़ाए, लेकिन डिहाइड्रेशन का जोखिम न बढ़ाए।
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ग्रीन टी से होता है फायदा
Green Tea: ग्रीन टी में कैफीन की मात्रा बहुत कम होती है, इसलिए यह बॉडी से पानी निकालकर डिहाइड्रेट नहीं करती।
इसके विपरीत, ग्रीन टी पीने से शरीर में फ्लूइड की सनक भरी लीकेज को रोका जा सकता है।
साथ ही एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स और फिटोकेमिकल्स के कारण यह इम्यूनिटी बढ़ाती है, मेटाबॉलिज़्म तेज करती है और त्वचा को भी निखारती है।
कैफीन की सीमा जानना ज़रूरी
Green Tea: भले ही ग्रीन टी में кофеइन कम होता है, फिर भी दिन में 2–3 कप से अधिक नहीं पीना चाहिए।
अत्यधिक कैफीन लेने से हृदय की धड़कन तेज हो सकती है और कभी-कभार हल्की बेचैनी भी हो सकती है।
इसलिए सुबह के समय या दोपहर के भोजन के बाद एक कप ग्रीन टी आदर्श रहता है।
हर्बल चाय के स्वस्थ विकल्प
Green Tea: अगर आपको कैफीन भी पूरी तरह से नहीं चाहिए, तो तुलसी चाय, शहद-अदरक चाय, पुदीना चाय या आमला-नीम की चाय आज़माएं।
ये सभी नेचुरल हर्बल ड्रिंक्स हैं जो फ्लूइड रिटेंशन बढ़ाने के साथ-साथ पाचन और इम्यूनिटी को भी बूस्ट करते हैं
सही समय और मात्रा
– सुबह या दोपहर: एक-एक कप ग्रीन टी, भोजन के एक घंटे बाद।
– शाम: हर्बल चाय (तुलसी/अदरक) से बदलाव लाएँ।
– रात: कैफीन-फ्री चाय लें, ताकि नींद पर असर न पड़े।