गोरखपुर में धर्मांतरण का प्रयास: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ एक मुंडन समारोह के आयोजन की आड़ में कथित तौर पर गरीब अनुसूचित जाति की महिलाओं को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लालच दिया गया।
स्थानीय पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक महिला समेत दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
महिलाओं की ग़रीबी को बनाया निशाना
गोरखपुर में धर्मांतरण का प्रयास: यह मामला गोरखपुर के खोराबार थाना क्षेत्र का है। पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार, आरोपी व्यक्तियों ने क्षेत्र की गरीब और वंचित पृष्ठभूमि की महिलाओं को निशाना बनाया।
उन्हें एक पारिवारिक मुंडन समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। आरोप है कि जब महिलाएं कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं, तो वहाँ उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया गया और आर्थिक प्रलोभन दिए गए।
पीड़ित महिलाओं का आरोप है कि आरोपियों ने उनकी गरीबी का फायदा उठाने की कोशिश की। उन्हें बेहतर जीवन का सपना दिखाकर ईसाई धर्म स्वीकार करने के लिए दबाव डाला।
घटना की जानकारी बजरंग दल के सदस्यों को दी गई, जो तुरंत मौके पर पहुँचे। पुलिस को बुलाया गया और बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की शिकायत पर FIR दर्ज हुई।
पुलिस ने देवरिया के रहने वाले दो आरोपितों प्रदीप कुमार और रीना देवी को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को 5 दिसंबर 2025 को कोर्ट में पेश किया गया, जहाँ से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
बजरंग दल ने दर्ज करवाई FIR, जांच जारी
गोरखपुर में धर्मांतरण का प्रयास: FIR बजरंग दल गोरखपुर ग्रामीण के जिला सह-समन्वयक बिट्टू जायसवाल की शिकायत पर दर्ज की गई है।
इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318, 61 और 351(2) तथा उत्तर प्रदेश अवैध धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम 2021 की धारा 3 और 5(1) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
अपनी शिकायत में बिट्टू जायसवाल ने बताया कि उन्हें विश्व हिंदू परिषद के विभागीय संगठन मंत्री निखिल तोमारी से जानकारी मिली थी कि ब्रह्मसरी गाँव के हरिजन बस्ती में धर्मांतरण की गतिविधियां चल रही है।
शिकायत में बताया गया कि प्रदीप और रीना ने सीता देवी के घर 25 से 40 महिलाओं को इकट्ठा किया और उन्हें आरामदायक जीवन, नकद, ईश्वरीय आशीर्वाद और सभी परेशानियों से मुक्ति का लालच देकर मानसिक दबाव बनाया।
समाज सेवा की आड़ में कर रहे महिलाओं का धर्मांतरण?
गोरखपुर में धर्मांतरण का प्रयास: जायसवाल ने बताया कि समाज सेवा करना तो ऐसे लोगों का ढोंग होता है, इनका असली मकसद लोगों का ब्रेन वॉश करके उनका धर्म परिवर्तन करवाना होता है।
उन्होंने यह भी कहा कि ये लोग ऐसे कमजोर समूह के लोगो या जो अपने जीवन में परेशानियों से ग्रस्त है उनको अपना लक्ष्य बनाते हैं, क्योकि ऐसे लोग इनके झांसे में जल्दी आ जाते है।
सरकार ने इस तरह की गतिविधियां करने वाले लोगों को हमारे समाज और राष्ट्रहित दोनों के लिए नुकसानदायक बताया है।
मीडिया से बात करते हुए बेलघाट थाने के SHO विकासनाथ ने बताया कि मामला बेहद संवेदनशील है और आरोप गंभीर हैं।
उन्होंने बताया कि जब आरोपियों को पकड़ा गया तो घटना स्थल से हिंदी बाइबिल भी ज़ब्त की गई।
पुलिस यह भी जाँच कर रही है कि क्या इस धर्मांतरण प्रयास में और लोग भी शामिल थे।
उन्होंने कहा कि जाँच जारी है और जानकारी में जो भी तथ्य सामने आएँगे, उनके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

