हरियाणा-जम्मू कश्मीर पुलिस की बड़ी कार्रवाई: फरीदाबाद में रविवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस और हरियाणा पुलिस के संयुक्त अभियान के दौरान एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी।
जांच एजेंसियों ने शहर के एक डॉक्टर के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट, हथियार, कारतूस और वॉकी-टॉकी सेट बरामद किए हैं।
यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी सपोर्ट नेटवर्क को तोड़ने की एक अहम कड़ी मानी जा रही है।
डॉक्टर के घर से विस्फोटक और हथियारों का जखीरा
फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि पकड़े गए व्यक्ति की पहचान डॉ. मुज़म्मिल के रूप में हुई है। वह स्थानीय निवासी है और अपने भाई के कमरे में अकेला रहता था।
जब टीम ने उसके ठिकाने पर छापा मारा, तो वहां से 360 किलो ज्वलनशील पदार्थ मिला जो शुरुआती जांच में अमोनियम नाइट्रेट पाया गया। इसके अलावा आठ सूटकेसों में विस्फोटक सामग्री, 20 टाइमर डिवाइस, और वॉकी-टॉकी सेट बरामद किए गए हैं।
सीपी ने बताया कि “यह सामग्री आरडीएक्स नहीं, बल्कि अमोनियम नाइट्रेट है — जिसका इस्तेमाल विस्फोटक तैयार करने में किया जाता है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन जम्मू-कश्मीर पुलिस के इनपुट पर हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर किया गया था।
बरामद हथियारों में AK-47 जैसी राइफल भी शामिल
छापेमारी के दौरान मिली राइफल AK-47 जैसी दिखने वाली बताई जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि असली AK-47 अनंतनाग में बरामद हुई थी, लेकिन फरीदाबाद से बरामद हथियार का मॉडल और संरचना उससे मिलती-जुलती है।
दूसरे डॉक्टर की भी गिरफ्तारी, सहारनपुर से दबोचा गया
जम्मू-कश्मीर पुलिस की जांच में एक और नाम सामने आया — डॉ. आदिल अहमद। आदिल मूल रूप से अनंतनाग का रहने वाला है और पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज में सेवा दे चुका है। करीब एक साल पहले उसने नौकरी छोड़ दी थी और इसके बाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में प्रैक्टिस करने लगा था। वहीं से उसे गिरफ्तार किया गया।
आतंकी नेटवर्क की जड़ें काटने का ऑपरेशन
सूत्रों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस लंबे समय से आतंकियों को सपोर्ट करने वाले नेटवर्क पर शिकंजा कसने में जुटी है। अब तक कश्मीर में 100 से अधिक लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा चुका है। डॉ. मुज़म्मिल और डॉ. आदिल की गिरफ्तारी उसी सिलसिले का हिस्सा है।
गंभीर धाराओं में केस दर्ज
फरीदाबाद पुलिस ने इस मामले में यूएपीए अधिनियम के तहत कई धाराओं — 13, 18, 21 और 39 सहित बीएनएस की धारा 351(2)(B) के तहत केस दर्ज किया है। फिलहाल जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि इतनी बड़ी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट कहां से आया और इसका इस्तेमाल किस उद्देश्य के लिए होना था।

