Thursday, December 25, 2025

दुबई निवेश: निवेशक अब भारत नहीं, दुबई में खरीद रहे हैं घर! जानिए वजह और निवेश का पूरा गणित

दुबई निवेश: भारत के महानगरों में आज अपना घर खरीदना किसी सपने से कम नहीं रह गया है। आम आदमी अपनी पूरी जिंदगी की कमाई खर्च करने के बाद भी एक छोटे से फ्लैट का मालिक नहीं बन पा रहा।

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दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में रियल एस्टेट की कीमतें इतनी ऊंची हो चुकी हैं कि लोग अब वैकल्पिक विकल्प तलाशने लगे हैं। यही वजह है कि अब भारतीय निवेशक तेजी से अपनी नजरें दुबई की ओर मोड़ रहे हैं — जहां लग्जरी, स्थिरता और टैक्स-फ्री इनकम का तड़का सब एक साथ मिल रहा है।

दुबई निवेश: दुबई में भारतीयों का बढ़ता निवेश

दुबई निवेश: वर्ष 2024 में भारतीय निवेशकों ने दुबई की प्रॉपर्टी मार्केट में लगभग 35 बिलियन दिरहम (करीब 84 हजार करोड़ रुपये) का निवेश किया है। यह कोई छोटा आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह दर्शाता है कि भारत के रियल एस्टेट बाजार की तुलना में दुबई अब निवेश का नया केंद्र बन चुका है।

दुबई लैंड डिपार्टमेंट के आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 की पहली छमाही में वहां कुल निवेश 431 बिलियन दिरहम तक पहुंच गया, जो साल-दर-साल लगभग 25 प्रतिशत की बढ़त को दर्शाता है।

इसमें भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी सबसे बड़ी रही। यहां तक कि 2015 से 2023 के बीच भारतीयों ने कुल मिलाकर 120 बिलियन दिरहम से अधिक की संपत्तियाँ खरीदी हैं।

त्योहारों में भी बढ़ी मांग

दुबई निवेश: 2024 के दौरान भारत से दुबई में प्रॉपर्टी की इनक्वायरी और बुकिंग में रिकॉर्ड तोड़ उछाल देखा गया। दुबई की रियल एस्टेट कंपनियों ने भारतीय खरीदारों के लिए खास ऑफर पेश किए, जिनमें 1 प्रतिशत मासिक भुगतान योजना (1% monthly payment plan) जैसी आकर्षक स्कीमें भी शामिल थीं।

इससे मध्यम वर्गीय निवेशक भी दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने की दिशा में कदम बढ़ाने लगे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि अब केवल मुंबई या दिल्ली के अमीर निवेशक ही नहीं, बल्कि जयपुर, इंदौर, सूरत, और लुधियाना जैसे टियर-2 शहरों के लोग भी दुबई में घर खरीद रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि अब दुबई भारतीय निवेशकों के लिए केवल लक्जरी नहीं बल्कि सुरक्षित और स्मार्ट निवेश का प्रतीक बन चुका है।

दुबई निवेश: क्यों बढ़ रहा है दुबई का आकर्षण?

दुबई निवेश: दुबई में प्रॉपर्टी निवेश का सबसे बड़ा फायदा है — टैक्स-फ्री सिस्टम। यहां इनकम टैक्स, प्रॉपर्टी टैक्स या कैपिटल गेन टैक्स जैसी कोई बाध्यता नहीं है। यानी जो कमाओ, वो पूरी तरह तुम्हारा।

इसके अलावा दुबई की सरकार विदेशी निवेशकों के लिए स्थायी वीजा (Golden Visa) जैसी योजनाएँ भी दे रही है, जिससे लंबी अवधि के लिए वहां रहना और बिज़नेस करना आसान हो गया है।

दूसरी ओर, दुबई की प्रॉपर्टी मार्केट अब पहले से ज्यादा स्थिर, पारदर्शी और डिजिटलाइज्ड हो चुकी है। यहां की सरकार लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और जीवन-स्तर को बेहतर बना रही है। यही वजह है कि भारतीय निवेशकों को यह बाजार भरोसेमंद और रिटर्न देने वाला लग रहा है।

भारत बनाम दुबई का रियल एस्टेट गणित

दुबई निवेश: भारत में बढ़ती महंगाई, बैंक लोन की ऊंची ब्याज दरें और टैक्स के बोझ ने रियल एस्टेट निवेश को जोखिमभरा बना दिया है। इसके विपरीत, दुबई में निवेश के नियम सरल हैं, प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया डिजिटल है, और किराये पर मिलने वाली आय (Rental Yield) भी भारत से कई गुना अधिक है — लगभग 6-8 प्रतिशत तक।

यही कारण है कि भारत के कई बड़े निवेशक अब अपने पोर्टफोलियो में दुबई की प्रॉपर्टी को शामिल कर रहे हैं।

Karnika Pandey
Karnika Pandeyhttps://reportbharathindi.com/
“This is Karnika Pandey, a Senior Journalist with over 3 years of experience in the media industry. She covers politics, lifestyle, entertainment, and compelling life stories with clarity and depth. Known for sharp analysis and impactful storytelling, she brings credibility, balance, and a strong editorial voice to every piece she writes.”
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