Wednesday, October 29, 2025

नींद में लार टपकना कोई आम बात नहीं, जानिए इसके पीछे के छिपे कारण और असरदार उपाय

नींद में लार टपकना (Drooling while sleeping) एक ऐसी स्थिति है जो बच्चों से लेकर बड़ों तक, हर उम्र में देखने को मिलती है।

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now

ज़्यादातर मामलों में यह हानिरहित होती है, लेकिन अगर यह बार-बार होती है, तो यह शरीर में किसी छिपी हुई स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकती है।

आइए जानते हैं, आखिर नींद में लार क्यों टपकती है और इससे बचने के आसान उपाय क्या हैं।

नींद में लार टपकना क्या होता है?

जब हम सोते हैं, तब हमारे चेहरे की मांसपेशियाँ और निगलने की क्रिया (swallowing reflex) पूरी तरह से रिलैक्स हो जाती हैं।

इस दौरान मुँह में बनने वाली लार (saliva) धीरे-धीरे जमा होने लगती है। अगर शरीर इस लार को निगल नहीं पाता, तो यह मुँह से बाहर निकलने लगती है।

अगर आप पीठ के बल सोते हैं तो यह लार आमतौर पर पेट में चली जाती है, लेकिन करवट लेकर सोने पर यही लार तकिए या चादर पर टपक जाती है।

अक्सर लोग सुबह उठकर पाते हैं कि उनका तकिया गीला है और उसमें से एक अजीब सी गंध आ रही है। इसे ही drooling का सबसे आम लक्षण माना जाता है।

क्यों टपकती है नींद में लार

लार टपकना कई वजहों से हो सकता है। कुछ सामान्य तो कुछ गंभीर। ]

आइए जानते हैं इसके मुख्य कारण:

  1. न्यूरोलॉजिकल या मानसिक समस्याएं

अगर किसी व्यक्ति को neurological disorders या autonomic neuropathy जैसी दिक्कतें हैं, तो उसकी लार ग्रंथियाँ (salivary glands) ज़रूरत से ज़्यादा सक्रिय हो जाती हैं।

इसके अलावा तनाव (stress), अनिद्रा (sleep disorder), थकान और मानसिक दबाव भी इस स्थिति को बढ़ा सकते हैं।

  1. खान-पान की आदतें

तेज मसालेदार खाना जैसे मिर्च, काली मिर्च, सरसों आदि खाने से लार ग्रंथियाँ ज़्यादा सक्रिय हो जाती हैं।

रात में भारी भोजन या देर से खाना भी नींद में लार टपकने की एक बड़ी वजह हो सकता है।

  1. दाँत या मुँह की समस्याएँ

अगर किसी को मुँह के छाले, गले में संक्रमण या दाँतों में सड़न है, तो यह भी मुँह में लार के अधिक बनने का कारण बनता है।

  1. पाचन संबंधी दिक्कतें

पेट की गड़बड़ी, गैस्ट्रिक अल्सर या ड्यूओडनल अल्सर जैसी बीमारियाँ भी लार टपकने से जुड़ी होती हैं।

ये शरीर के स्वाभाविक पाचन तंत्र को प्रभावित करती हैं।

  1. हार्मोनल बदलाव और दवाइयाँ

कुछ दवाइयाँ या हार्मोनल असंतुलन भी लार के अत्यधिक स्राव का कारण बन सकते हैं।

ध्यान दें: अगर यह समस्या लगातार बनी रहती है, तो यह नर्वस सिस्टम, डाइजेस्टिव सिस्टम या स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों का शुरुआती संकेत भी हो सकती है।

नींद में लार टपकने से बचने के असरदार उपाय

  1. सोने से पहले नाक की सफाई करें

अगर आपकी नाक बंद रहती है, तो आप नींद में मुँह से सांस लेते हैं तो इससे लार टपकने की संभावना बढ़ जाती है। सोने से पहले nasal spray या सलाइन वाटर से नाक साफ करें।

  1. सोने की स्थिति बदलें

करवट लेकर सोने की बजाय पीठ के बल सोना बेहतर होता है, इससे लार मुँह से बाहर नहीं निकलती बल्कि निगल ली जाती है।

आप चाहें तो सिर के नीचे थोड़ा ऊँचा तकिया रख सकते हैं।

  1. संतुलित और हल्का भोजन करें

रात में ज़्यादा या मसालेदार खाना खाने से बचें। सोने से दो घंटे पहले हल्का भोजन करें ताकि पाचन प्रणाली पर ज़्यादा दबाव न पड़े।

  1. तनाव से दूर रहें

तनाव और चिंता से नींद की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे लार टपकने जैसी समस्याएँ बढ़ जाती हैं।

सोने से पहले मेडिटेशन, गहरी सांसें लेना या हल्का संगीत सुनना मददगार हो सकता है।

क्या नींद में लार टपकना खतरनाक है?

आम तौर पर यह शरीर की एक सामान्य प्रतिक्रिया है, लेकिन अगर यह अक्सर होता है, तो यह आपके शरीर में किसी असंतुलन का संकेत हो सकता है।

इसलिए अगर बार-बार लार टपकने की समस्या हो रही है या इसके साथ मुँह का सूखापन, गले में दर्द, या साँसों की बदबू जैसी समस्याएँ हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

- Advertisement -

More articles

- Advertisement -

Latest article