DR. K. DAMODARA: डॉ. के. दामोदरन का जन्म 3 सितंबर 1954 को हुआ। उन्होंने चेन्नई के तारामणि स्थित होटल मैनेजमेंट एंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट से डिप्लोमा प्राप्त किया।
इसके बाद उन्होंने मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से बी.कॉम, मद्रास विश्वविद्यालय से एमबीए, और अमेरिकन होटल एंड मोटेल एसोसिएशन से CHE और CHA सर्टिफिकेट भी हासिल किए। उन्होंने कॉर्नेल विश्वविद्यालय (Cornell University), अमेरिका से Conference Centre Management का विशेष प्रशिक्षण भी प्राप्त किया।
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DR. K. DAMODARA: व्यवसायिक जीवन और शैक्षिक योगदान
डॉ. दामोदरन ने 1977 में तमिलनाडु पर्यटन विकास निगम में प्रबंधन प्रशिक्षु (Management Trainee) के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 1986 में वे शिक्षण में आए।
उन्होंने चेन्नई के प्रमुख संस्थानों – आसन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, एमजीआर इंस्टीट्यूट, और एम्पी इंस्टीट्यूट का नेतृत्व किया। उन्होंने अब तक 6000 से अधिक छात्रों को प्रतिष्ठित होटलों में रोजगार दिलाने में मार्गदर्शन दिया है।
खाना पकाने में कीर्तिमान और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स
डॉ. दामोदरन ने 22 दिसंबर 2010 को 617 व्यंजन (190 किलो भोजन) 24 घंटे 30 मिनट और 12 सेकंड में पका कर ‘Longest Cooking Marathon – Individual’ के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने 2012 में दुनिया की सबसे लंबी डोसा और 2014 में दुनिया की सबसे बड़ी करी बनाकर दो अन्य गिनीज रिकॉर्ड भी बनाए।
उन्होंने 13 दिनों में 12,000 व्यंजनों का स्वाद चखने का अनोखा कीर्तिमान भी बनाया और तमिलनाडु के पारंपरिक व्यंजनों को दुनिया के सामने लाने का कार्य किया।
चेत्तिनाड भोजन के प्रति प्रेम और पाक साहित्य
वे चेत्तिनाड व्यंजनों के गहरे जानकार हैं और स्वयं मसाले पीसते हैं। वे करैकुडी क्षेत्र में हर सप्ताह जाते हैं ताकि पारंपरिक व्यंजनों को संजो सकें। उन्होंने 17 पुस्तकें गृहिणियों के लिए (2,700 व्यंजनों सहित) और 4 पुस्तकें होटल प्रबंधन छात्रों के लिए लिखी हैं। उनकी पुस्तक “Damu’s Home Free Style Cook” काफी प्रसिद्ध है।
सरकारी योजनाओं में योगदान और सामाजिक कार्य
डॉ. दामोदरन ने 2008 से 2011 के बीच तमिलनाडु की मध्याह्न भोजन योजना (Mid-Day Meal Scheme) में भोजन की गुणवत्ता सुधारने हेतु कार्य किया। उन्होंने 32 जिलों के 1.4 लाख रसोइयों को प्रशिक्षण दिया और 13 जिलों के छात्रावासों में कुकों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया।
वे 2007-08 में रोटरी क्लब तांबरम के अध्यक्ष रहे, जहां उन्होंने 1 लाख बच्चों को पोलियो ड्रॉप, 260 बुजुर्गों की मोतियाबिंद सर्जरी और 750 स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को कैंटीन संचालन का प्रशिक्षण दिया।
मीडिया और जनजागरूकता अभियानों में सक्रिय भूमिका
डॉ. दामोदरन ने राज टीवी, पोथिगई, जया टीवी और विजय टीवी पर 22 वर्षों से पाक कला कार्यक्रमों की मेज़बानी की है। वे वर्तमान में हिंदू समाचार पत्र के साथ “Our State, Our Taste” प्रतियोगिता के नॉलेज पार्टनर हैं, जो 25 जिलों में पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देती है।
पद्म श्री 2025: क्यों मिला यह राष्ट्रीय सम्मान?
भारत सरकार ने वर्ष 2025 में डॉ. के. दामोदरन को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें निम्नलिखित क्षेत्रों में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया:
- भारतीय पारंपरिक पाक संस्कृति के संरक्षण और प्रसार में अग्रणी भूमिका
- तमिलनाडु सरकार की सामाजिक योजनाओं जैसे मिड-डे मील योजना में नवाचार और गुणवत्ता सुधार
- हजारों रसोइयों और कैटरिंग छात्रों को प्रशिक्षण और रोजगार दिलाने में योगदान
- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य-आधारित आजीविका अवसरों का सृजन
- भारत के क्षेत्रीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान दिलाने में अथक प्रयास
उनका जीवनकार्य पाक कला को केवल स्वाद तक सीमित नहीं रखता, बल्कि सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण से जोड़ता है, इसी बहुआयामी योगदान के कारण उन्हें भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म श्री से नवाजा गया।
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