Thursday, October 16, 2025

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: भारत को बताया भरोसेमंद साझेदार

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (15 अक्टूबर) को दावा किया था कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा।

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इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल मचा दी। अब रूस ने इस पर सख्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए रूसी तेल बेहद जरूरी है और दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी “विश्व स्थिरता की नींव” है।

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने ट्रंप के बयान को “अवास्तविक” बताते हुए कहा कि भारत, रूस का भरोसेमंद और रणनीतिक साझेदार है।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के कुल कच्चे तेल आयात का लगभग एक-तिहाई हिस्सा रूस से आता है।

भारत के लिए रूस सस्ता और स्थायी विकल्प”

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: अलीपोव ने आगे कहा, “रूस भारत के लिए एक किफायती ऊर्जा विकल्प बना हुआ है। हमारी साझेदारी सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं, बल्कि यह वैश्विक स्थिरता में योगदान देने वाला संबंध है।”

उन्होंने कहा कि भारत और रूस का रिश्ता भरोसे और दीर्घकालिक सहयोग की नींव पर खड़ा है। ऊर्जा क्षेत्र में रूस को भारत का “सबसे भरोसेमंद साझेदार” बताया गया।

रूस ने ट्रंप को दिया सख्त संदेश

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: रूसी राजदूत ने अमेरिका को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि “ग्लोबल नॉर्थ” यानी विकसित देश अब भी टैरिफ और आर्थिक प्रतिबंधों की नीतियों पर चल रहे हैं, जिससे यह साफ है कि वे “बहुध्रुवीय दुनिया” (Multipolar World) को अपनाने से कतरा रहे हैं।

अलीपोव ने कहा कि यह रवैया वैश्विक शासन प्रणाली में सुधार को धीमा करता है, जबकि दुनिया को अब इन सुधारों की सख्त जरूरत है।

भारत ने भी दिया स्पष्ट जवाब

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: डोनाल्ड ट्रंप के दावों के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने भी अपनी स्थिति साफ की। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि “भारत तेल और गैस का एक प्रमुख आयातक देश है, और ऊर्जा क्षेत्र में निर्णय हम अपने राष्ट्रीय हितों को देखते हुए ही लेते हैं।”

उन्होंने कहा कि अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना भारत सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

ट्रंप की नाराज़गी और टैरिफ विवाद

डोनाल्ड ट्रंप के दावों पर रूस का पलटवार: डोनाल्ड ट्रंप भारत और चीन दोनों से नाराज़ चल रहे हैं। चीन पर टैरिफ लगाने के बाद उन्होंने भारत पर भी 50% टैरिफ लगाया था। ट्रंप का कहना है कि भारत को रूस से तेल खरीदने की जरूरत नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार भारत के लिए यह आर्थिक और रणनीतिक दृष्टि से जरूरी है।

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