अमेरिका बनाम कोलंबिया: अमेरिका और कोलंबिया के बीच बढ़ता कूटनीतिक तनाव अब खुलकर दुनिया के सामने आ गया है।
ट्रंप प्रशासन ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो पर प्रतिबंध लगाने का बड़ा फैसला लिया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब दोनों देशों के बीच ड्रग तस्करी के मुद्दे को लेकर बयानबाज़ी लगातार तीखी होती जा रही है।
वॉशिंगटन ने पेट्रो सरकार पर यह आरोप लगाया है कि उसने कोकीन की तस्करी रोकने में नाकामी दिखाई है और इस कारण अमेरिका में ड्रग संकट और गंभीर रूप ले चुका है।
अमेरिका बनाम कोलंबिया: कोलंबिया ड्रग तस्करी के खिलाफ विफल
तनाव की शुरुआत तब तेज़ हो गई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेट्रो को खुलकर कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कोलंबिया ड्रग तस्करी के खिलाफ विफल ही नहीं, बल्कि लापरवाह रहा है।
ट्रंप ने यहां तक दावा किया कि कैरेबियन सागर में जिन संदिग्ध जहाजों पर अमेरिका ने हमले किए, वे कोकीन से भरे हुए थे।
हालांकि, इस दावे के समर्थन में अमेरिका कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाया।
दूसरी ओर पेट्रो ने अमेरिकी कार्रवाई को “निर्दोष लोगों की हत्या” करार देते हुए तीखा पलटवार किया और कहा कि अमेरिका अपनी विफल नीतियों को छिपाने के लिए आक्रामक रवैया अपना रहा है।
सबसे बड़ा ड्रग उत्पादक
अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने बयान जारी करते हुए कहा कि गुस्तावो पेट्रो के कार्यकाल में कोलंबिया “दुनिया का सबसे बड़ा कोकीन उत्पादक” बन गया है।
बेसेंट के अनुसार, कोलंबियाई ड्रग नेटवर्क ने अमेरिका में ‘ज़हर की सुनामी’ ला दी है, जिसके कारण अमेरिकी समाज और युवाओं पर गहरा असर पड़ रहा है।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र यह प्रतिबंध लगाया है, ताकि यह स्पष्ट संदेश दिया जा सके कि अमेरिका ड्रग तस्करी को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगा।
ट्रंप ने कोलंबिया के राष्ट्रपति को कहा- अपशब्द
डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस से जारी अपने बयान में कोलंबिया के राष्ट्रपति को “ड्रग लीडर” और “बुरा आदमी” तक कह डाला।
ट्रंप का आरोप है कि पेट्रो ने देश को अपराधियों और ड्रग माफिया के हवाले कर दिया है। इस बयान ने कूटनीतिक विवाद में आग में घी डालने का काम किया और कोलंबिया ने इसे अपनी संप्रभुता पर आक्रमण बताया।
राजनीतिक बदले की भावना
कोलंबियाई राष्ट्रपति पेट्रो ने कहा कि यह कार्रवाई “राजनीतिक बदले की भावना” से प्रेरित है। उन्होंने दो टूक कहा कि उनका देश बाहरी दबाव में झुकने वाला नहीं है।
पेट्रो के अनुसार, अमेरिका वर्षों से केवल सैन्य दबाव और हस्तक्षेप की नीति अपनाता रहा है, जबकि कोलंबिया ने शांति और न्याय के लिए अपने स्तर पर लगातार संघर्ष किया है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले समय में अमेरिकी-लैटिन अमेरिकी रिश्तों पर गहरा असर डाल सकता है।
ड्रग तस्करी मुद्दा नया नहीं है, लेकिन ट्रंप की सार्वजनिक बयानबाज़ी और कठोर शब्दों ने इस विवाद को राजनीतिक टकराव का रूप दे दिया है।
अब दुनिया की नज़र इस पर है कि क्या दोनों देश बातचीत की दिशा में बढ़ेंगे या यह संघर्ष और गंभीर रूप ले लेगा।

