Discrimination Reason with women on workplace: अक्सर वर्कप्लेस पर भेदवभाव किया जाता है। खासतौर पर महिलाओं में, लेकिन उस भेदभाव की वजह हमेश रूप-रंग या उम्र ही नहीं होती। इसलके अलावा और भी कई वजहें है जिनसे भेदभाव होता है। आइये जानते हैं।
महिलाएं जब कामकाजी दुनिया में लीडर्स के तौर पर काम करने का सोचती हैं तो उन्हें भेदभाव का सामना करना पड़ता है। हाल ही में एक रिसर्च में महिलाओं के साथ कितने तरह के भेदभाव होते हैं इसका पता लगाया गया है। इस रिसर्च स्टडी ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट क्वार्टरली में पब्लिश किया गया है।
इस स्टडी में यह परखा गया कि महिलाओं की पहचान के कौन से पहलू उनके साथ भेदभाव की वजह बनते हैं। देखा गया कि अक्सर लीडिंग positions पर ज्यादातर पुरुष होते हैं। हालांकि धीरे-धीरे अब इस स्थिति में बदलाव होता दिखाई दे रहा है।
Dicrimination Reason with women on workplace: कामकाजी महिलाओं के साथ भेदभाव क्यों होता है?
Discrimination Reason with women on workplace: जब महिलाओं से पूछा गया कि उनके साथ वर्कप्लेस पर बदलाव क्यों होता है तो जवाब में उम्र या रंग जैसे कारण नहीं आये। महिलाओं कि वजहें काफी चौंकाने वाली रही। रिसर्च में पता चला कि महिलाओं को उनकी बोलचाल का लहजा, कपडे पहनने का तरीका, उम्र, उनका फिगर सामाजिक वर्ग, रंग,वैवाहिक स्थिति, गर्भावस्था और खासतौर पर उनके सीनियर्स से यौन रुझान के आधार पर भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
उनके करियर में रुकावट के पीछे क्या है वजह
स्टडी में पता चला कि आजकल ज्यादा उम्र वाली की उम्र टीम लीडर्स जैसे रोल्स मिलने में दिक्कत होती है। उन्हें पुरुषों की तुलना में ये रोल मिलने में समय लगता है। खास बात ये पता चली कि पुरुषों को उनकी capablities के हिसाब से पोजीशन मिल जाती है। जबकि युवा महिलाओं को उनके अनुभव के आधार पर आंका जाता है। उनके करियर में सबसे बड़ी वजह बनती है उनके साथ हुआ भेदभाव। इस स्टडी में ये नहीं बताया गया कि महिलाएं कैसे इस भेदभाव का सामने करके अच्छी पोजीशन हासिल करती है।
क्या कंपनिया इस समस्या को सुलझा सकती है?
महिलाओं को किसी भी तरह के भेदभाव पर ध्यान नहीं देना चाहिए। ये भेदभाव कि समस्या समाज कि सोच और व्यवस्था की गहरायी से जुडी है। कई बार महिलाओं को नेतृत्व की भूमिकाओं से दूर रखने के लिए भेदभाव का सहारा लिया जाता है। इसके लिए कंपनियां भी कुछ कदम अपनी तरफ से उनके लिए उठा सकती हैं। उन्हें अपनी पालिसी कंडीशंस का आंकलन करना चाहिए और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि व्यक्ति को प्रमोशन मिलने या न मिलने के पैमाने सबके लिए समान हो।
एक तरीका यह भी है कि किसी बयान में महिला की जगह पुरुष का नाम रखकर फिर देखे। जैसे, “अमित इस भूमिका के लिए योग्य नहीं है क्योंकि उसकी उम्र इस जॉब के हिसाब से काफी ज्यादा है। .” फिर ये सोचें कि क्या हम ऐसा किसी महिला के बारे में सोचते हैं? इस तरह से कंपनी भेदभाव को पहंचान उसे दोहराने से बच सकती है।