Digital Overload Syndrome: अगर आप कई दिनों से मानसिक थकान, स्ट्रेस और अकेलापन महसूस कर रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ एक बुरा मूड नहीं, बल्कि दिमाग की एक वार्निंग सिग्नल हो सकता है कि कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
ये संकेत आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत से जुड़ी किसी गंभीर समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं।
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बिगड़ी लाइफस्टाइल और डिजिटल ओवरलोड का असर
Digital Overload Syndrome: एक्सपर्ट्स के मुताबिक़, बिगड़ती जीवनशैली, बढ़ता वर्कलोड और डिजिटल दुनिया की लत हमारी मेंटल हेल्थ को नुकसान पहुंचा रही है।
आज की पीढ़ी लगातार स्क्रीन से जुड़ी रहती है, जिससे अटेंशन स्पैन घट रही है और ब्रेन लगातार थकावट की स्थिति में जा रहा है।
इसे डिजिटल ओवरलोड सिंड्रोम भी कहा जाता है।
कोविड-19 के बाद के दिमागी प्रभाव
Digital Overload Syndrome: कोविड से ठीक हुए कई लोगों में ब्रेन फॉग की समस्या देखी गई है।
ये लक्षण मेमोरी लॉस, फोकस की कमी और मानसिक थकावट के रूप में सामने आते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, 25-30% कोविड रिकवर पेशेंट्स अब भी ऐसे न्यूरोलॉजिकल लक्षणों से जूझ रहे हैं।
स्ट्रेस के तीन बड़े कारण
Digital Overload Syndrome: क्रॉनिक स्ट्रेस का सबसे बड़ा कारण तीन चीजें हैं, जॉब इनसिक्योरिटी, एकेडमिक प्रेशर और सोशल एक्सपेक्टेशन।
इनका मेल हमारे ब्रेन की प्रोसेसिंग पावर को कमजोर करता है, जिससे हम चीजों को याद रखने और समझने में असमर्थ हो जाते हैं।
पोषण की कमी से दिमाग सुस्त
विटामिन बी12 और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से भी ब्रेन फॉग हो सकता है। ]
फास्ट फूड और अनहेल्दी डाइट हमारे दिमाग को जरूरी पोषक तत्वों से वंचित कर देती है, जिससे मानसिक प्रदर्शन प्रभावित होता है।
जलवायु और नींद का असर
Digital Overload Syndrome: गर्मी, उमस और खराब नींद का भी मेंटल हेल्थ पर सीधा असर पड़ता है।
अनियमित नींद और सोने से पहले स्क्रीन देखने की आदत ब्रेन को सुस्त और थका देती है।
ये आदतें ब्रेन की मेमोरी बनाने और जानकारी प्रोसेस करने की क्षमता को कमजोर करती हैं।
ब्रेन फॉग से बचने के उपाय
Digital Overload Syndrome: ब्रेन फॉग से निपटने के लिए जरूरी है कि आप डिजिटल डिटॉक्स करें।
मोबाइल और स्क्रीन टाइम सीमित करें।
पर्याप्त नींद लें, पोषक भोजन खाएं और रोज़ाना वॉक या योग करें।
माइंडफुलनेस, मेडिटेशन और ध्यान भी मानसिक स्पष्टता लौटाने में मददगार होते हैं।
कब डॉक्टर से मिलें?
Digital Overload Syndrome: अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें और आपकी दिनचर्या प्रभावित करने लगें, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना जरूरी है।
समय पर निदान और इलाज से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है।