Rajasthan: तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आने के बाद राजस्थान के कई मंदिर सतर्क हो गए हैं। अब भोग और प्रसाद तैयार करने के लिए बाजार से घी मंगाने के बजाय जयपुर डेयरी के सरस घी का उपयोग किया जा रहा है। पिछले दो महीनों में सरस घी की मांग तेजी से बढ़ी है। जयपुर डेयरी के एमडी मनीष फौजदार के अनुसार, बड़े मंदिरों जैसे गोविंददेवजी, खोले के हनुमानजी, और चौमूं के सामोद स्थित वीर हनुमान मंदिर सहित कई छोटे-बड़े मंदिरों ने डेयरी से सीधे घी की मांग की है।
Rajasthan: 100 टिन घी मंदिरों में भेजा जा रहा
डेयरी प्लांट से रोजाना करीब 100 टिन घी मंदिरों में भेजा जा रहा है। घी की आपूर्ति को उच्च गुणवत्ता और शुद्धता बनाए रखने के लिए सीधे प्लांट से किया जा रहा है।
इसके अलावा नाथद्वारा मंदिर ने भी सरस घी की मांग की है। नाथद्वारा मंदिर को राजसमंद सरस डेयरी से घी की आपूर्ति की जाएगी। सहकारी डेयरी के एमडी ने बताया कि बालाजी और अन्य मंदिरों में प्रसादी के लिए सरस घी को प्राथमिकता दी जा रही है।
भक्तों को मिलावट रहित प्रसाद मिल सकें
इस कदम से मंदिर प्रशासन को शुद्ध और विश्वसनीय घी सुनिश्चित करने में मदद मिल रही है, जो प्रसाद और भोग की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए जरूरी है। इससे यह भी सुनिश्चित हो रहा है कि भक्तों को मिलावट रहित प्रसाद मिल सकें। सहकारी डेयरी के एमडी ने बताया कि बालाजी मंदिरों में होने वाली प्रसादी के लिए सरस घी की मांग प्राथमिकता से की जाने लगी है।