Monday, December 1, 2025

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: संसद में पीएम मोदी की विपक्ष को दो टूक

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: संसद का शीतकालीन सत्र आज, 1 दिसंबर 2025 से शुरू हो गया है, जो 19 दिसंबर तक चलेगा।

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सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद परिसर में पत्रकारों को संबोधित किया और विपक्ष को सीधा लेकिन साफ संदेश दिया यहां ड्रामा नहीं डिलीवरी होनी चाहिए।

नारे नहीं, नीति पर बात होनी चाहिए और वो आपकी नीयत में दिखनी चाहिए।

उनका कहना है कि संसद को देश के विकास और नीतिगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, न कि सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी और हंगामे पर।

पीएम मोदी ने इसके बाद राज्यसभा में नए सभापति सीपी राधाकृष्णन का स्वागत किया और उनके अभिवादन में स्पीच दी।

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सभापति का अभिवादन किया।

विपक्ष को हार की हताशा से उभारने की सलाह

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: पीएम ने कहा कि संसद न तो चुनावी तैयारी का मैदान है और न ही हार के बाद हताशा निकालने का।

यह सत्र पराजय की हताशा या विजय के अहंकार का मैदान नहीं बनना चाहिए।

नई पीढ़ी के सांसदों को अनुभव का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने विपक्ष को टिप्स देने की पेशकश भी की, कि कैसे परफॉर्म किया जाए?

उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, उनका मानना है कि संसद राष्ट्र निर्माण के लिए सकारात्मक सोच का केंद्र होनी चाहिए, न कि नकारात्मक राजनीति का।

विपक्ष का तीखा पलटवार

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: पीएम के ‘ड्रामा’ वाले बयान पर विपक्ष ने तुरंत जवाबी हमला बोला।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि महंगाई, बेरोजगारी, प्रदूषण जैसे जनता के मुद्दों पर चर्चा से बचना ही असली ड्रामा है।

विपक्ष संसद में जनता की आवाज उठा रहा है, ये ड्रामा नहीं, कर्तव्य है।

उन्होंने SIR मुद्दे पर जोर देते हुए कहा कि BLO की मौतें कोई नाटक नहीं हैं।

विपक्ष ने बताया पीएम मोदी को ड्रामेबाज़

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा, “सबको पता है कि ड्रामा कौन करता है।”

तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने भी कहा, “SIR पर बहस की मांग करना ड्रामा कैसे? विपक्ष लोकतंत्र की रक्षा कर रहा है।”

कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने पीएम को ‘ड्रामा मास्टर’ करार देते हुए कहा कि ड्रामा करना तो उनसे ही सीखना पड़ेगा।

दिल्ली लाल किला कार धमाके पर चर्चा की मांग

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: इस सत्र में दिल्ली के लाल किला के पास हुए कार बम धमाके पर भी विपक्ष चर्चा की मांग कर सकता है।

राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड केस में दर्ज नई FIR और दिल्ली में प्रदूषण और नए लेबर लॉ को लेकर भी हंगामे के आसार हैं।

वहीं, बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद एकबार फिर वोट चोरी का मुद्दा गरमा सकता है।

शीतकालीन सत्र,15 बैठकें, 10 विधेयक पेश होने की उम्मीद

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा, जिसमें एटॉमिक एनर्जी बिल समेत कम से कम 10 नए विधेयक पेश होने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने इसे ‘देश की प्रगति को गति देने का अवसर’ करार दिया, लेकिन सत्र का पहला दिन ही हंगामे से ग्रस्त रहा।

लोकसभा में विपक्ष ने सुरक्षा संबंधी मुद्दों (SIR) और प्रदूषण पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कार्यवाही बार-बार बाधित हुई।

समाजवादी पार्टी के राम गोपाल यादव ने कहा, “सत्र में जो होता है, वो सरकार की मंशा से होता है। हमारे मुद्दे उठाएंगे, इजाजत न मिले तो बाहर ही सही।”

सत्र में 15-15 बैठकें लोकसभा और राज्यसभा में निर्धारित हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि सियासी टकराव से उत्पादकता प्रभावित हो सकती है।

वित्त मंंत्री पेश करेंगी महत्वपूर्ण बिल

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सेंट्रल एक्साइज अमेंडमेंट बिल 2025 और हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल पेश कर सकती हैं।

हेल्थ सिक्योरिटी नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल 2025 खास तौर पर कुछ खास सामान बनाने में इस्तेमाल होने वाली मशीनों और प्रोसेस पर सीईएसएस का प्रस्ताव करता है।

इन दो कानूनों का मकसद तंबाकू और पान मसाला जैसे ‘सिन गुड्स’ पर मौजूदा जीएसटी कंपनसेशन सीईएसएस को रिवाइज्ड एक्साइज लेवी से बदलना है।

इस सीईएसएस का मकसद ‘नेशनल सिक्योरिटी और पब्लिक हेल्थ पर खर्च को पूरा करने के लिए रिसोर्स बढ़ाना’ है, जो आगे चलकर इन सेक्टर को फंड करने के तरीके में एक बड़ा बदलाव दिखाता है।

अन्य बिल पास होने की संभावना

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: सत्र के दौरान सरकार ने विचार के लिए कई और जरूरी बिल लिस्ट किए हैं।

इनमें नेशनल हाईवे बिल, एटॉमिक एनर्जी बिल, कॉर्पोरेट लॉ बिल, इंश्योरेंस लॉ बिल और हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल शामिल है।

ये बिल प्राइवेट कंपनियों के लिए न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने का रास्ता खोल सकता है।

कानून बनाने के अलावा संसद 2025-26 के लिए सप्लीमेंट्री डिमांड्स फॉर ग्रांट्स के पहले बैच पर भी चर्चा और वोटिंग करेगी।

भारत ने सिद्ध किया लोकतंत्र परिणाम दे सकता है

ड्रामा नहीं, डिलीवरी चाहिए: संसद परिसर से देश के लिए अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, गत दिनों बिहार में जो चुनाव हुआ, उसमें मतदान का जो आंकड़ा रहा, वो लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है।

माताओं-बहनों की जो भागीदारी बढ़ रही है, ये अपने आप में एक नई आशा, नया विश्वास पैदा करती है।

पीएम मोदी ने आगे कहा एक तरफ लोकतंत्र की मजबूती और लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के भीतर अर्थतंत्र की मजबूती को भी दुनिया बहुत बारीक़ी से देख रही है।

भारत ने सिद्ध कर दिया है कि लोकतंत्र परिणाम दे सकता है।

ये सत्र, संसद देश के लिए क्या सोच रही है, संसद देश के लिए क्या करना चाहती है, संसद देश के लिए क्या करने वाली है, इन मुद्दों पर केंद्रित होना चाहिए।

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