दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: बीते 30 दिनों में भारत की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों ने देशभर में 8 बड़ी आतंकी साजिशों को नाकाम किया है। लगातार हो रही कार्रवाई से आतंकियों में बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है।
माना जा रहा है कि इन्हीं असफल कोशिशों से नाराज़ होकर आतंकियों ने दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास धमाका किया।
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: देशभर में बरामद हुए हजारों किलो विस्फोटक
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीते एक महीने में एजेंसियों ने करीब 3000 किलो विस्फोटक, 20 लाख रुपए की नकदी, बंदूकें, कारतूस, और अरंडी के तेल जैसी खतरनाक चीजें जब्त की हैं, जिनसे राइसिन नाम का ज़हर तैयार किया जाता है। इस ज़हर की थोड़ी-सी मात्रा भी सैकड़ों लोगों की जान ले सकती है।
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: दिल्ली-NCR से मिला 2,900 किलो विस्फोटक
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: 10 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में फरीदाबाद से 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ। इसमें अमोनियम नाइट्रेट, पोटैशियम नाइट्रेट और सल्फर शामिल थे।
इस मामले में डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ. आदिल नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। बताया जा रहा है कि इस सामग्री से सैकड़ों आईईडी बनाए जा सकते थे और यह बरामदगी लाल किला धमाके से जुड़ी मानी जा रही है।
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: गांधीनगर में ISIS का नेटवर्क उजागर
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: 8 नवंबर को गुजरात एटीएस ने गांधीनगर में ISIS से जुड़े तीन आतंकियों को पकड़ा। इनमें एक एमबीबीएस डॉक्टर अहमद मोहियुद्दीन सैयद भी था। उनके पास से पिस्तौलें, 30 कारतूस और अरंडी का तेल बरामद किया गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये आतंकी दिल्ली, अहमदाबाद और लखनऊ में हमला करने की साजिश रच रहे थे। उन्होंने भीड़भाड़ वाले इलाकों और RSS कार्यालयों की रेकी भी की थी।
राजस्थान में TTP आतंकी गिरफ़्तार
दिल्ली ब्लास्ट अपडेट: 7 नवंबर को राजस्थान एटीएस ने जालौर के सांचोर से मौलवी ओसामा उमर को गिरफ्तार किया। वह अफगानिस्तान से जुड़े तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के संपर्क में था और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर उकसा रहा था।
छापेमारी में जोधपुर, बाड़मेर और करौली से चार और लोगों को हिरासत में लिया गया।
दिल्ली पुलिस ने पकड़ा ISIS मॉड्यूल
24 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ISIS से प्रेरित मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। इसमें दिल्ली और भोपाल के रहने वाले दो युवक गिरफ्तार हुए।
दोनों राजधानी में आत्मघाती हमले (फिदायीन अटैक) की तैयारी में थे। जांच में पता चला कि वे सोशल मीडिया के जरिए सीरिया-आधारित ISIS हैंडलर अबू इब्राहिम अल-कुरैशी से जुड़े थे।
आंध्र प्रदेश में स्लीपर सेल नेटवर्क का खुलासा
17 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश पुलिस ने उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया। दोनों जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से जुड़े व्हाट्सएप ग्रुप्स पर सक्रिय थे।
वे पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग लेकर भारत में हमले की तैयारी कर रहे थे। इससे पहले इसी नेटवर्क से जुड़े एक और व्यक्ति को धर्मवरम से पकड़ा गया था।
पंजाब में हथियारों का जखीरा मिला
15 अक्टूबर को पंजाब पुलिस ने अमृतसर, फाजिल्का और तरन तारन से तीन अपराधियों को पकड़ा। उनके पास से 10 पिस्तौलें और अफीम बरामद हुईं।
यह गिरोह पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए हथियार मंगाकर पंजाब में गैंगस्टरों तक पहुँचाता था।
महाराष्ट्र में सॉफ्टवेयर इंजीनियर से आतंकी बना युवक
28 अक्टूबर को महाराष्ट्र एटीएस ने पुणे से जुबेर हांगरगेकर नाम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को पकड़ा। वह अल-कायदा के प्रचार में शामिल था और युवाओं को कट्टर बना रहा था।
उसके लैपटॉप से आतंक से जुड़ा डिजिटल मटेरियल मिला।
पंजाब में RDX के साथ दो आतंकी गिरफ्तार
9 अक्टूबर को पंजाब पुलिस ने जालंधर से दो आतंकियों को पकड़ा, जिनके पास से 2.5 किलो RDX और रिमोट कंट्रोल IED बरामद हुआ।
यह नेटवर्क यूके में बैठे हैंडलरों द्वारा संचालित किया जा रहा था।
एजेंसियों की मेहनत से बचीं हजारों जिंदगियाँ
देश की खुफिया एजेंसियों की सतर्कता से कई बड़ी त्रासदियों को रोका गया। अगर ये गिरफ्तारियाँ और बरामदगियाँ समय पर न होतीं, तो लाल किला धमाके से कहीं बड़ा हादसा हो सकता था।
आतंकियों का मकसद हमेशा विनाश फैलाना होता है, लेकिन एजेंसियों की तत्परता और सूझबूझ ने लाखों लोगों की जान बचाई है और साबित किया है कि भारत अब आतंक की हर साजिश का जवाब देने के लिए पूरी तरह तैयार है।

