Delhi: एक बाऱ फिर से भाजपा ने मुख्यमंत्री के चेहरे पर सबको चौका दिया है। आपको जानकर हैरानी होगी की जैसे राजस्थान में पहली बार विधायक बनने पर भजनलाल शर्मा को सीएम बनाया गया था, ठीक उसी तरह से रेखा गुप्ता को पहली बार विधायक बनने पर सीएम की कुर्सी पर बैठा दिया गया है। बता दें कि इससे पहले वो दो बार विधायकी का चुनाव हार चुकी है, लेकिन फिर भी बीजेपी ने उन पर अपना भरोसा कायम रखा औऱ तीसरी बार शालीमार बाग सीट से चुनावी मैदान में उतारा।
Delhi: Rekha Gupta: दो साल की उम्र में आईं दिल्ली
रेखा का जन्म हरियाणा के जींद जिले में हुआ था और वो दो साल के उम्र में ही दिल्ली आ गई थी। उनकी शादी 1998 में मनीष गुप्ता से शादी हुई थी, जो इंश्योरेंस और स्पेयर पार्ट्स के कारोबार से जुड़े हुए हैं। उनको एक बेटा और एक बेटी भी है। गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गईं। 1996 से 97 में वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ की अध्यक्ष भी बनीं और छात्र हितों के लिए कई अहम फैसले लिए। बाद में भाजपा युवा मोर्चा से राजनीति की शुरूआत की और 2007 में उत्तर पीतमपुरा से पार्षद चुनी गई।
2015 और 2020 के चुनाव में मिली करारी हार
बता दें कि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में उन्हें आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी के हाथों करारी हार का सामना करना पड़ा था। वहीं 2025 में उन्होंने आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराकर जीत दर्ज की। ऐसे में ये भी कहा जा रहा है कि वह बीजेपी के 3- C पर एकदम परफेक्ट है, यानि कास्ट वैश्य, क्लास महिला और क्रेडिबिलिटी RSS की अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ी नेता।