Delhi Elections: जीबी रोड भी दिल्ली का काफी मशहूर क्षेत्र है। यहां दिल्ली की सेक्स वर्कर्स रहती है। इन वर्कर्स का नाम भी दिल्ली के वोटर लिस्ट में शामिल है। और ये बदनाम महौल्ला एक अरसे से समस्याओं से झूझ रहा है, लेकिन इनकी सुध लेने के लिए कोई सरकार नहीं है। ये महिलाएं गरीबी, पानी की कमी गंदगी जैसी दिक्कतों से झूझ रही है। और अब वो इस चुनाव में इन समस्याओं का समाधान चाहती हैं।
दिल्ली के सत्ता मैदान में सारी पार्टियां जमकर दमखम लगा रही है। आम आदमी पार्टी और बीजेपी में कड़ी टक्कर इस बार दिल्ली में देखने को मिल रही है। आप पिछले 10 सालों से दिल्ली की सत्ता में काबिज है। ऐसे में बीजेपी उनके खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी का पूरा फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। मजदूरों से लेकर अपर क्लास तक सब अपने मुद्दे बता रहे हैं। इन्हें में शामिल हैं दिल्ली का बदनाम इलाका जीबी रोड। यहाँ की महिलाएं भी वोटर लिस्ट में शामिल है। इन चुनावों में उनके मुद्दों भी कई मुद्दे है जिन पर ध्यान देने की आवयशकता है।
Delhi Elections: ये महिलाएं आमतौर पर सुविधाओं और चुनावों से परे ही रहे हैं। लेकिन इस बार उनकी इच्छा है कि उनके मुद्दे भी सुने जाए और उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। हाल ही में वहां एक मीडिया से बातचीत के दौरान महिलाओं ने बताया कि वो भी वोट डालती हैं लेकिन उनके वोट को और लोगों से कम आंका जाता है। वो बहुत गरीबी में अपना गुजारा करती हैं। चार से पांच महिलाएं एक कमरे में रहती है और 10-15 महिलाएं एक ही मंजिल पर अपना गुजारा करती हैं। हैरानी वाली बात तो ये है कि इन सब के बीच सिर्फ एक शौचालय है।
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Delhi Elections: गंदा पानी आता है
Delhi Elections: वहां की महिलाओं ने बताया कि यहां पानी गंदा आता है। साफ़ पानी की कमी बहुत ज्यादा है। यहां साफ़-सफाई का अभाव है। उन्हें छोटी से छोटी चीजों के लिए भी बहुत लड़ना पड़ता है।आधी बार यहां बिजली नहीं रहती। सर्दी में तो फिर भी ठीक है लेकिन गर्मियों में ये स्थिति असहनीय हो जाती है। कमरों में हवा-धुप के लिए खिड़कियां तक नहीं है।
बदबू लेकिन रहने को मजबूर
Delhi Elections: ये महिलाएं एक छोटे से कमरे में रहती है, जिनकी हालत ऐसी है कि यहां व्यक्ति का जीवन काटना तक मुश्किल हो जाता है। शौचालयों से निकलने वाली संकरी नालियां उनके दरवाजों के ठीक बाहर बहती हैं, जिससे बहुत गन्दी बदबू आती है। महिलाओं ने बताया कि यहां चुनावों के वक्त नेता आते तो हैं, इनसे कई से वादे भी किये जाते हैं लेकिन वो महज वादे ही बनकर रह जाते हैं। उन पर काम कभी नहीं किया जाता है।
नर्क से भी बदतर जीवन
महिलाओं ने ये भी बताया कि इलाके के बहार पानी की पाइपलाइन लम्बे समय से टूटी हुई हैं लेकिन ये कभी ठीक नहीं होती। उन्हें जो पानी मिलता है वो गंदा होता है लेकिन उनके पास इस पानी को इस्तेमाल करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। उनके साथ ऐसे व्यवहार किया जाता है जैसे उनका कोई वजूद ही नहीं है। कोई उनसे बात करने को तैयार नहीं होता और जब वो अधिकारीयों के पास अपनी शिकायतें लेकिन जाती है तो उन्हें सुनकर भी अनसुना कर दिया जाता है।
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