Sunday, October 12, 2025

दिल्ली: ऐसी कंपनी भगवान सबको दे!! Employees को दिवाली पर दी 9 दिन की छुट्टी, कहा, ईमेल का जवाब मत देना, अब एन्जॉय करो त्यौहार का टाइम है

दिल्ली: त्योहारों के मौसम मेंज़्यादातर प्राइवेट कंपनियों में छुट्टियों की मारामारी रहती है। ऐसे में दिल्ली की एक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को हैरान कर दिया।

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कंपनी ने दिवाली के मौके पर पूरे 9 दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया और साथ ही स्टाफ से कहा कि “इस दौरान किसी ईमेल का जवाब मत देना।”

इस अनोखी घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर कंपनी की जमकर तारीफ हो रही है।

वर्क लाइफ बैलेंस का शानदार उदाहरण

दिल्ली: बड़े शहरों में काम करने वाले लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती होती है Work-Life Balance बनाए रखना।

दिवाली जैसे त्यौहारों पर भी कई लोग लैपटॉप और मीटिंग्स में फंसे रहते हैं, जिससे परिवार और दोस्तों से दूरी बढ़ जाती है।

ऐसे में इस कंपनी का कदम लोगों के दिल को छू गया। यूज़र्स लिख रहे हैं कि ऐसी कंपनी होनी चाहिए जिसे कर्मचारियों की लाइफ की कद्र हो।”

सोशल मीडिया पर कंपनी की तारीफ

दिल्ली: लिंक्डइन पर कंपनी के एक कर्मचारी ने पोस्ट शेयर करते हुए बताया कि उनके CEO हमेशा टीम के मानसिक और व्यक्तिगत स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। पोस्ट में लिखा गया कि “हमारे CEO ने कहा है कि दिवाली की छुट्टियों में कोई मेल या कॉल का जवाब देने की ज़रूरत नहीं। बस परिवार के साथ वक्त बिताओ।”

दिल्ली: इस पोस्ट के बाद ट्विटर, लिंक्डइन और इंस्टाग्राम पर कंपनी की चर्चा छा गई। कुछ लोगों ने कहा कि “कंपनी नहीं, देवता है ये!”

कर्मचारियों के लिए राहत, उद्योग जगत में चर्चा

दिल्ली: जहां ज़्यादातर कंपनियां छुट्टियों के नाम पर कंजूसी दिखाती हैं, वहीं इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों को पूरा “मानव केंद्रित” उपहार दिया।

कई HR एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस तरह के फैसले मानसिक स्वास्थ्य और प्रोडक्टिविटी दोनों के लिए फायदेमंद हैं।

लोगों ने यह भी कहा कि अगर अन्य कंपनियां भी इस ट्रेंड को अपनाएं तो कर्मचारी ज्यादा खुश और क्रिएटिव रहेंगे।

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दिल्ली: ऐसी कंपनी भगवान सबको दे!! Employees को दिवाली पर दी 9 दिन की छुट्टी, कहा, ईमेल का जवाब मत देना, अब एन्जॉय करो त्यौहार का टाइम है 2

“कंपनी नहीं, परिवार है ये”

सोशल मीडिया पर यूज़र्स ने मजाकिया लेकिन दिल छूने वाले कमेंट किए —

“कंपनी नहीं, वरदान है रे बाबा!”

“9 दिन की छुट्टी… अब तो ये कंपनी जॉइन करनी पड़ेगी।”

कुल मिलाकर, दिल्ली की इस कंपनी ने दिखा दिया कि कॉर्पोरेट कल्चर सिर्फ डेडलाइन्स तक सीमित नहीं, बल्कि कर्मचारियों की खुशी में भी सफलता छिपी है।

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