Delhi Coaching: दिल्ली से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आ रही है। राउस आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग में पानी भरने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई है। इस हादसे के बाद उन परिवार की भी उम्मीद टूट गई है, जिन्होंने अपने बच्चे को IAS बनाने का सपना देखा था। इस कोचिंग ने मैन मेड बाढ़ और घोर लापरवाही के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए है। गुस्से में छात्र सड़कों पर उतर आएं है। ऐसे में ये सवाल उठता है कि ये घटना हुई कैसे?, तो चलिए आपको बताते है।
Coaching का किया गेट बंद
मामला ओल्ड राजेन्द्र नगर का है। जहां पर शनिवार की देर शाम भारी बारिश हुई, जिसकी वजह से सड़कों पर काफी पानी जमा हो गया। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि RAU’S IAS स्टडी सर्किल बेसमेंट के लाइब्रेरी में चलती है और वहां बच्चे पढ़ाई करते थे। जब देर शाम बारिश हुई तो कोचिंग सेंटर में पानी जाने से रोकने के लिए गेट को बंद कर दिया गया। कोचिंग संचालकों का कहना है कि कुछ वाहनों के वहां से स्पीड से गुजरने की वजह से प्रेशर बढ़ गया, तो पानी से कांच का गेट टूट गया और बेसमेंट में जाने लगा और लगभग दो मिनट में 10 से 12 फीट तक पानी अंदर भर गया। इसकी वजह से 30 से ज्यादा स्टूडेंट लाइब्रेरी में फंस गए।
बायोमैट्रिक सिस्टम लगे होने की वजह से हुआ लॉक
पुलिस ने बताया कि बेसमेंट के दरवाजे पर लगभग कुछ दिनों पहले ही Coaching में बायोमैट्रिक सिस्टम लगवाया गया था। लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स की एंट्री बायामैट्रिक तरीके से होती थी। पानी भरने और बिजली की आपूर्ति ठप हो जाने से गेट नहीं खुला और वो उसके अंदर फंस गए। कुछ लोगों का कहना है कि बहाव बेहद तेज था और बाहर निकलने का कोई दूसरा रास्ता समझ नहीं आ रहा था। इस दौरान सभी बच्चे रस्सियों की मदद से बाहर निकल रहे थे।
पुलिस ने दर्ज की FIR
पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और कोऑर्डिनेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और इन्हे गिरफ्तार भी कर लिया है। पुलिस ने आगे बताया की बेसमेंट के दरवाजे पर कुछ दिन पहले ही बायोमैट्रिक सिस्टम लगाया गया था। इसलिए ऐसा अनुमान है की शायद पानी भरने और बिजली सप्लाई ना होने से बायोमैट्रिक सिस्टम फेल हो गया और अंदर फंसे स्टूडेंट्स बाहर नहीं निकल सके।
आपको बता दें की मृतकों में 2 छात्राएं और 1 छात्र शामिल है जिनका नाम श्रेया यादव, तान्या सोनी और नवीन डल्विन शामिल है। इस हादसे के बाद गम और गुस्से से लबरेज स्टूडेंट्स सड़कों पर उतर आए हैं और कोचिंग सेंटर्स, दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। वो दोषियों पर एक्शन लेने और पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिए जाने की मांग उठा रहे है।