Delhi Blast: दिल्ली कार ब्लास्ट मामले में जांच लगातार आगे बढ़ रही है और अब इस केस में एक बड़ा सबूत सामने आया है।
धमाके के मुख्य आरोपी और जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के रहने वाले आतंकी डॉ. उमर का एक नया वीडियो मिला है।
इस वीडियो ने जांच को पूरी तरह बदल दिया है, क्योंकि इसमें उमर खुलकर आत्मघाती हमलों का समर्थन करता दिखाई देता है।
माना जा रहा है कि यह वीडियो उसने धमाके से कुछ समय पहले खुद रिकॉर्ड किया था।
Delhi Blast: आत्मघाती हमलों को सही ठहराने की कोशिश
जांच टीम का कहना है कि यह वीडियो साफ दिखाता है कि उमर की सोच कितनी कट्टर हो चुकी थी और वह लंबे समय से किसी बड़े हमले की तैयारी में था।
उसके इस वीडियो से यह भी समझ आता है कि वह सिर्फ एक आम मॉड्यूल में शामिल व्यक्ति नहीं था, बल्कि वह खुद भीड़ में आत्मघाती हमले जैसे मामलों को सही ठहराने की कोशिश कर रहा था।
मानसिक स्थिति पूरी तरह बदली
वीडियो में उमर शांत आवाज़ में बोलता है कि लोग यह समझ ही नहीं पाते कि आत्मघाती हमले होते क्या हैं और इन्हें किस मानसिकता से किया जाता है।
वह यह भी कहता है कि ऐसे हमलों को किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये समाज और कानून दोनों के खिलाफ होते हैं।
इसके बाद वह कहता है कि जब कोई व्यक्ति यह मान लेता है कि वह तय समय और जगह पर मरने वाला है, तब उसकी मानसिक स्थिति पूरी तरह बदल जाती है और वह किसी भी तरह की हिंसा करने को तैयार हो जाता है।
वीडियो की ये बातें दिखाती हैं कि उमर खुद भी इस मानसिकता में काफी गहराई तक उतर चुका था।
धमाके से पहले परिवार से कहा फोन न करें
जांच के दौरान उमर के परिवार से भी पूछताछ की गई। उसकी मां ने बताया कि उन्हें काफी समय से लगता था कि उमर गलत रास्ते पर जा रहा है।
वह कई दिनों तक घरवालों से बात नहीं करता था और उसका व्यवहार अचानक बदल गया था। धमाके से कुछ समय पहले उसने अपने परिवार से साफ कहा था कि वे उसे फोन न करें।
हालांकि परिवार को शक तो था, लेकिन उन्होंने कभी यह बात पुलिस को नहीं बताई। जांच एजेंसियों के मुताबिक, अगर यह जानकारी पहले मिल जाती तो शायद कई बातें जल्दी खुल सकती थीं।
पुलिस ने 2900 किलो विस्फोटक बरामद किया
उमर के बारे में यह भी पता चला है कि वह पेशे से डॉक्टर था, लेकिन पिछले कुछ सालों में वह धीरे-धीरे आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया था।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद जब उसकी गैंग की जांच की गई, तो पुलिस ने उसके साथियों से करीब 2900 किलो विस्फोटक बरामद किया।
इतनी बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने से यह साफ है कि यह ग्रुप सिर्फ एक छोटे हमले के लिए नहीं, बल्कि कई बड़े धमाकों की तैयारी कर रहा था।
अगर यह सामग्री इस्तेमाल हो जाती, तो किसी भी बड़े शहर में बहुत बड़ी तबाही हो सकती थी।
उमर किन लोगों के संपर्क में था
अब जो वीडियो सामने आया है, वह जांच एजेंसियों के लिए सबसे अहम सबूत बन गया है।
इस वीडियो से यह समझने में मदद मिलेगी कि उमर किन लोगों के संपर्क में था, उसे कौन निर्देश दे रहा था और वह किस तरह की सोच के साथ काम कर रहा था।
एजेंसियां अब उसके फोन, सोशल मीडिया और उसके नेटवर्क की हर गतिविधि को खंगाल रही हैं।
यह केस पहले से ही गंभीर था, लेकिन अब उमर के इस वीडियो ने इसे और भी संवेदनशील बना दिया है।
दिल्ली कार ब्लास्ट मामले की जांच आगे किस दिशा में जाएगी, यह आने वाले दिनों में साफ होगा, लेकिन इतना तय है कि उमर का यह वीडियो पूरे केस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
यह केस न सिर्फ एक आतंकी हमले की जांच है, बल्कि यह भी समझने की कोशिश है कि एक पढ़ा-लिखा व्यक्ति कैसे इतनी खतरनाक और हिंसक सोच तक पहुंच गया।

