दिल्ली तेजाबकांड: दिल्ली के लक्ष्मी बाई कॉलेज के पास हुई कथित एसिड अटैक की गुत्थी अब सुलझ गई है। जो मामला पहले महिला सुरक्षा और अपराध का प्रतीक बनकर उभरा था, अब उसने एक नया रूप ले लिया है।
दिल्ली पुलिस की जाँच में सामने आया कि छात्रा पर किसी बाहरी व्यक्ति ने नहीं बल्कि उसके पिता अकील खान ने खुद यह हमला रचा था और इसके लिए इस्तेमाल एसिड का नहीं टॉयलेट क्लीनर का इस्तेमाल किया गया था।
बदले की साज़िश’, अकील खान की खुद को बचाने की कोशिश
दिल्ली तेजाबकांड: दरअसल, इस पूरे मामले की जड़ एक रेप केस में छिपी थी। पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, अकील खान ने जितेंद्र की पत्नी के साथ रेप किया था और उसके निजी फोटो भी खींचे थे।
जब पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तो अकील फरार हो गया। खुद को बचाने और जितेंद्र को फँसाने के लिए उसने अपनी बेटी को मोहरा बनाया और ‘एसिड अटैक’ की झूठी कहानी गढ़ी।
सीसीटीवी ने खोल दी बाप-बेटी की पोल
दिल्ली तेजाबकांड: जब पुलिस ने मामले की जाँच शुरू की, तो कई बातें मेल नहीं खा रहीं थीं।
जितेंद्र का मोबाइल लोकेशन घटना के समय उस इलाके में नहीं था। वो घटना से लगभग पांच किलोमीटर की दूरी पर था।
सीसीटीवी फुटेज में भी कोई संदिग्ध हरकत नहीं दिखी। तीनों लड़के जिन पर छात्र ने आरोप लगाया था (जीतेन्द्र, ईशान, अरमान), एक भी मौके पर दिखा ही नहीं।
जाँच में फँसा पिता, अकील खान गिरफ्तार
दिल्ली तेजाबकांड: जाँच के दौरान पुलिस ने जब घटनास्थल से सबूत इकट्ठे किए, तो पाया कि छात्रा के बैग पर किसी एसिड अटैक के निशान नहीं थे।
बैग से एक कुर्ती बरामद हुई, लेकिन किसी भी प्रकार का रासायनिक अवशेष नहीं मिला।
इसके बाद पुलिस ने संगम विहार से अकील खान को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने ही अपनी बेटी से टॉयलेट क्लीनर छिड़कवाया ताकि जितेंद्र पर झूठा केस बनाया जा सके।
झूठे आरोपों में फँसाने की वजह, पुराना संपत्ति विवाद
दिल्ली तेजाबकांड: जाँच से यह भी सामने आया कि आरोपी बताए गए ईशान और अरमान उस दिन दिल्ली में थे ही नहीं। वे अपनी माँ शबनम के साथ आगरा में मौजूद थे।
दरअसल, मंगोलपुरी में अकील खान और इनका 2018 से संपत्ति विवाद चल रहा था।
इस विवाद के चलते अकील ने इन दोनों को भी झूठे केस में फँसाने की कोशिश की।
झूठ की परतें खुलीं तो हकीकत ने चौंकाया
दिल्ली तेजाबकांड: दिल्ली पुलिस ने आखिरकार इस ‘एसिड अटैक’ की सच्चाई उजागर कर दी। जो घटना पहले समाज में गुस्सा और सहानुभूति का कारण बनी, वह अब एक झूठे नाटक के रूप में सामने आई।
पिता अकील खान का मकसद था रेप केस से ध्यान हटाना और विरोधियों को फँसाना। लेकिन पुलिस की सूझबूझ से सच सामने आ गया।

