DAVID R. SYIEMLIEH: प्रो. डेविड आर. सिमलीह को उत्तर-पूर्व भारत के इतिहास, संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट अनुसंधान, प्रकाशन और संस्थागत निर्माण के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया है।
वे न केवल एक प्रतिष्ठित इतिहासकार हैं, बल्कि संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के पूर्व अध्यक्ष और शिलांग के प्रमुख विद्वान व्यक्तित्व भी हैं।
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DAVID R. SYIEMLIEH: प्रारंभिक जीवन और शैक्षणिक पृष्ठभूमि
22 जनवरी 1953, मुत्रपुर, सिबसागर (असम) में जन्मे प्रो. सिमलीह ने सेंट एडमंड कॉलेज, शिलांग से 1974 में इतिहास में ऑनर्स के साथ स्नातक किया। इसके पश्चात उन्होंने नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (NEHU) से 1980 में एम.फिल और 1985 में पीएचडी पूरी की।
शिक्षण और प्रशासनिक योगदान
DAVID R. SYIEMLIEH: उनका शिक्षण करियर 1977 में सेंट एडमंड कॉलेज से शुरू हुआ और 1979 से 2012 तक उन्होंने NEHU में कई महत्वपूर्ण अकादमिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया:
- इतिहास विभागाध्यक्ष
- डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर
- परीक्षा नियंत्रक
- रजिस्ट्रार
- प्रो-वाइस चांसलर
इसके बाद वे अक्टूबर 2011 में राजीव गांधी विश्वविद्यालय, अरुणाचल प्रदेश के कुलपति नियुक्त हुए।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में भूमिका
2012 में उन्हें UPSC का सदस्य नियुक्त किया गया और 2017 में वे UPSC के अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में आयोग की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता को नई दिशा मिली।
DAVID R. SYIEMLIEH: ऐतिहासिक शोध और प्रकाशन
प्रो. सिमलीह की शोध यात्रा उनकी पहली पुस्तक “British Administration in Meghalaya: Policy and Pattern” (1989) से शुरू हुई, जिसने उन्हें उत्तर-पूर्व भारत के इतिहास में एक प्रतिष्ठित विद्वान के रूप में स्थापित किया। अन्य प्रमुख प्रकाशनों में शामिल हैं:
- Survey of Research in History on North East India (1970–1990)
- Early States in North East India (संपादन में जे.बी. भट्टाचार्जी के साथ)
- On the Edge of Empire: Four British Plans for North East India
- Layers of History: Essays on the Khasi-Jayantias
- Meghalaya at Fifty (1972–2022) — राज्य की स्वर्ण जयंती पर एक स्मारकीय दस्तावेज
यू तिरोत सिंग पर ऐतिहासिक शोध
प्रो. सिमलीह को मेघालय के स्वतंत्रता सेनानी यू तिरोत सिंग के अंतिम दिनों पर ऐतिहासिक शोध का श्रेय जाता है। उनकी खोजों के आधार पर 17 जुलाई को मेघालय में राज्य अवकाश घोषित किया गया है, जो इस वीर की शहादत को सम्मान देता है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मान्यता
- Charles Wallace Grant (UK) और भारत-फ्रांस सांस्कृतिक विनिमय अनुदान (Paris) के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय शोध
- NEIHA (North East India History Association) के अध्यक्ष (2010–2011)
- भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) और भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के सदस्य
- भारतीय इतिहास कांग्रेस के 73वें सत्र में “आधुनिक भारत” अनुभाग के अध्यक्ष (जनवरी 2013, मुंबई विश्वविद्यालय)
शिक्षा नीति में योगदान और सलाहकार भूमिका
DAVID R. SYIEMLIEH: प्रो. सिमलीह शिक्षा और साहित्य के दृढ़ समर्थक हैं। वे मेघालय राज्य शिक्षा आयोग के सलाहकार हैं और विभिन्न विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक परिषदों और प्रबंधन बोर्डों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं।