Thursday, December 4, 2025

CJI 2025: जस्टिस सूर्यकांत बन सकते हैं भारत के अगले CJI

CJI 2025: हरियाणा के हिसार की साधारण गलियों से उठकर भारत की सर्वोच्च न्यायिक व्यवस्था के शिखर तक पहुंचने की दास्तान किसी प्रेरक उपन्यास से कम नहीं।

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यह कहानी है जस्टिस सूर्यकांत की एक ऐसे व्यक्तित्व की, जिसने न pedigree का सहारा लिया, न सत्ता की सीढ़ियां पकड़ीं, बल्कि अपने दृढ़ इरादों, अथक परिश्रम, विद्वता और ईमानदारी की ताकत पर सफलता का शिखर छुआ।

माना जा रहा है कि वर्तमान CJI जस्टिस बी.आर. गवई के रिटायरमेंट के बाद जस्टिस सूर्यकांत देश के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) के रूप में शपथ ले सकते हैं।

यदि ऐसा होता है, तो यह देश की न्यायपालिका में एक और प्रेरक अध्याय दर्ज करेगा।

CJI 2025: एक मेधावी छात्र, जिसने फैसला किया

10 फरवरी 1962 को हिसार में जन्मे सूर्यकांत बचपन से ही अध्ययनशील, अनुशासित और गहरी समझ वाले छात्र माने जाते थे।

1981 में हिसार के गवर्नमेंट पीजी कॉलेज से स्नातक पूरा करने के बाद उन्होंने कानून की राह चुनी और 1984 में महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी, रोहतक से एलएलबी की डिग्री प्राप्त की।

यहीं से उनकी यात्रा उस मार्ग पर मुड़ गई, जो अंततः उन्हें देश के सर्वोच्च न्यायालय तक ले गई।

वर्ष 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से एलएलएम में फर्स्ट क्लास फर्स्ट रैंक प्राप्त की।

यह उपलब्धि केवल डिग्री नहीं, बल्कि यह प्रमाण थी कि वे सीखने की प्रक्रिया को कभी समाप्त नहीं मानने वाले व्यक्तित्व हैं।

जिला अदालत से नई पहचान

सूर्यकांत ने 1984 में हिसार की जिला अदालत से वकालत शुरू की। शुरुआती मुकदमों में उनकी तैयारी, तर्कों में स्पष्टता और भाषा में सादगी ने उन्हें जल्दी पहचान दिलाई।

वर्ष 1985 में वे चंडीगढ़ चले गए, जहाँ पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करके उन्होंने खुद को एक गंभीर, अध्ययनशील और संतुलित वकील के रूप में स्थापित किया।

वह दौर कठिन था, परंतु उन्होंने कभी शॉर्टकट नहीं चुना। अदालत में उनकी साख इतनी मजबूत हुई कि वे कई सरकारी संस्थानों, बैंकों और विश्वविद्यालयों के आधिकारिक कानूनी सलाहकार बने।

वर्ष 2000 में उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया, यही वह मोड़ था, जिसने न्यायपालिका में आगे बढ़ने का द्वार खोल दिया।

न्यायाधीश के रूप में संवेदनशीलता

सन 2004 में वे हाईकोर्ट जज बने और बाद में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। उनकी कार्यशैली में संवेदनशीलता और क़ानून की ठोस पकड़ दोनों का संतुलन देखने को मिलता है।

2019 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में कार्यभार संभाला और यहाँ भी उनके फैसलों ने यह संदेश दिया कि न्याय केवल धाराओं से नहीं, बल्कि समाज की नब्ज़ को समझकर दिया जाता है।

वे साफ़ और संक्षिप्त भाषा में निर्णय लिखने, सुनवाई में संयमित व्यवहार रखने और न्याय में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के लिए जाने जाते हैं।

जस्टिस सूर्यकांत की यात्रा आज उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो छोटे शहरों से होकर भी बड़े सपनों को अपने अंदर जिंदा रखते हैं।

यदि वे अगले CJI बनते हैं, तो यह केवल एक पद की उपलब्धि नहीं होगी, बल्कि उस सोच की जीत होगी,

जो मानती है कि संघर्ष, धैर्य और सत्यनिष्ठा के साथ कोई भी सीमा असंभव नहीं रह जाती।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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