Friday, November 28, 2025

CISF की वीरता को सलाम: उरी पावर प्रोजेक्ट को बचाने वाले 19 जवानों को किया गया सम्मानित

CISF की वीरता को सलाम: पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को एक आतंकवादी हमला हुआ था, इस बर्बर आतंकी हमले के परिणामस्वरूप 26 लोगों की जान चली गई।

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पाकिस्तान से सहायता प्राप्त हमलावरों ने पहलगाम में घुसकर लोगों से उनका धर्म पूछा और उनकी हत्या कर दी।

पहलगाम हमलें के बाद भारत की तरफ से 6-7 मई 2025 की रात को शुरू किए गए बड़े सैन्य अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकवादी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया था।

भारत की यह सटीक कार्रवाई कुछ ही घंटों में प्रभाव दिखाने लगी।

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट

CISF की वीरता को सलाम: CISF के अनुसार भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की दरमियानी रात को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम के कार्रवाई की थी।

यह ऑपरेशन 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें कई नागरिकों की जान चली गई थी।

जवाबी कार्रवाई के रूप में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर तीव्र और अंधाधुंध गोलाबारी शुरू कर दी।

एलओसी से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित उरी हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट को भी इस दौरान निशाना बनाया गया।

उरी हाइड्रो-पावर प्रोजेक्ट 1 और 2 पर पाकिस्तान का हमला करने का मुख़्य कारण यह था ताकि भारत के ज़्यादा से ज़्यादा लोग इस हमले की चपेट में आ सके।

पाकिस्तान के मंसूबे हुए नाकाम

CISF की वीरता को सलाम: कमांडेंट रवि यादव के नेतृत्व में CISF की कुछ यूनिट ने भीषण गोलाबारी के बावजूद असाधारण साहस, धैर्य और पेशेवर प्रदर्शन दिखाया।

CISF के जवानों ने प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने वाले दुश्मनों के ड्रोन को बेअसर कर दिया।

साथ ही, उन्होंने हथियारों के संभावित विनाश को रोकने के लिए अस्त्र-शस्त्रों के भंडार को भी सुरक्षित किया।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ने अपने एक बयान में जानकारी दी थी, कि यह हमला विफल कर दिया गया था और इस दौरान कोई नुकसान नहीं हुआ था।

गोलाबारी के बीच CISF कर्मियों ने निवासियों के घरों के पास जाने वाले गोलों के बावजूद, नागरिकों को घर-घर जाकर निकाला।

उन्हें सुरक्षित बंकरों में पहुंचाया गया। एक अधिकारी ने बताया कि लगभग 250 नागरिकों को बिना किसी जान-माल के नुकसान के सुरक्षित निकाला गया था।

CISF के जवानों किया गया सम्मानित

बल के महानिदेशक ने मई 2025 में हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने वाले 19 जवानों को सीआईएसएफ के महानिदेशक प्रवीण रंजन ने डीजी डिस्क देकर सम्मानित किया।

CISF मुख्यालय में हुए इस समारोह में यह सम्मान मई 2025 में सीमापार दुश्मनी के एक नाज़ुक दौर के दौरान जम्मू-कश्मीर में उरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट्स (UHEP-I & II) की सुरक्षा में उनकी अहम भूमिका को सम्मानित करता है।

क्या है डीजी डिस्क अवॉर्ड

CISF की वीरता को सलाम: डीजी डिस्क एक प्रतिष्ठित सम्मान है जो पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी उत्कृष्ट सेवा, कर्तव्यनिष्ठा और पुलिसिंग में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए दिया जाता है।

यह पुरस्कार विभिन्न पुलिस इकाइयों और विभागों, जैसे ACB, CISF, और NCC, के सदस्यों को उनके सराहनीय कार्यों के लिए प्रदान किया जाता है, जिसमें असाधारण बहादुरी, नेतृत्व और समर्पण शामिल है।

डीजी डिस्क के साथ एक प्रशस्ति प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। इन पुरस्कारों को प्राप्तकर्ताओं की सेवा पुस्तिका में दर्ज किया जाता है।

कमांडेंट रवि यादव के नेतृत्व में उप कमांडेंट मनोहर सिंह, सहायक कमांडेंट सुभाष कुमार के सहयोग से सभी जवानों ने पाकिस्तानी हमलें का पूरी बहादुरी के साथ सामना किया।

जिसमें इंस्पेक्टर दीपक कुमार झा, सब-इंस्पेक्टर अनिल कुमार, दीपक कुमार, सहायक सब-इंस्पेक्टर राजीव कुमार, सुखदेव सिंह, हेड कांस्टेबल मनोज कुमार शर्मा, राम लाल, गुरजीत सिंह, कांस्टेबल सुशील वसंत कांबले, रजीक अहमद अब्दुल रफीक, रवींद्र गुलाब वानखेड़े, त्रिदेव चकमा, सोहन लाल, मुफीद अहमद, महेश कुमार और संदेनाबोइना राजू भी शामिल हैं।

Madhuri Sonkar
Madhuri Sonkarhttps://reportbharathindi.com/
ETV Bharat में एक साल ट्रेनिंग कंटेंट एडिटर के तौर पर काम कर चुकी हैं। डेली हंट और Raftaar News में रिपोर्टिंग, V/O का अनुभव। लाइफस्टाइल, इंटरनेशनल और बॉलीवुड न्यूज पर अच्छी पकड़।
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