Sunday, July 27, 2025

China On Maldives-India Relations: मालदीव में बदला सियासी मिज़ाज, ‘इंडिया आउट’ से ‘इंडिया फर्स्ट’ तक का सफर, चीन को लगा बड़ा झटका

China On Maldives-India Relations: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मालदीव का दो दिवसीय दौरा किया, जहां उन्हें मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था।

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यह यात्रा इसलिए भी खास रही क्योंकि राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के शासन में यह किसी विदेशी नेता की पहली उच्च स्तरीय यात्रा थी।

China On Maldives-India Relations: भारत ने इस मौके पर 565 मिलियन डॉलर यानी लगभग 4800 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन देने की घोषणा की, जिससे मालदीव में अस्पताल, स्कूल, हाउसिंग और बुनियादी ढांचे की परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की ओर बढ़ा कदम

China On Maldives-India Relations: इस दौरे में एक और बड़ा निर्णय हुआ।

भारत और मालदीव के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत शुरू करने पर सहमति बनी।

यह समझौता दोनों देशों के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को नई दिशा देगा।

राष्ट्रपति मुइज्जू ने इस पहल को ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया और भारत को मालदीव का सबसे भरोसेमंद और ‘फर्स्ट रिस्पॉन्डर’ सहयोगी कहा।

जिस ‘इंडिया आउट’ से सत्ता में आए, अब उसी भारत से बढ़ा रहे नजदीकी

China On Maldives-India Relations: गौरतलब है कि मुइज्जू जब चुनाव लड़े थे तो उन्होंने ‘इंडिया आउट’ का नारा दिया था और भारतीय सैनिकों को मालदीव से बाहर निकालने की बात कही थी।

लेकिन अब वही मुइज्जू भारत के साथ व्यापार, पर्यटन और रणनीतिक सहयोग को मजबूती देने की वकालत कर रहे हैं।

उनका यह रुख बताता है कि सत्ता में आने के बाद उनके नजरिए में व्यावहारिक बदलाव आया है।

चीन को नहीं रास आई मोदी की मालदीव यात्रा

China On Maldives-India Relations: भारत-मालदीव की नजदीकी से चीन खासा नाराज़ है।

चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने इस यात्रा की मीडिया कवरेज पर नाराज़गी जताई और आरोप लगाया कि भारत इस यात्रा को चीन के प्रभाव को कमजोर करने के तौर पर पेश कर रहा है।

बीजिंग की Tsinghua University के एक विशेषज्ञ ने इसे ‘शून्य-राशि खेल’ (Zero-Sum Game) जैसी सोच बताया।

चीन ने दिखाई पुरानी तस्वीर, मुइज्जू के बदले रुख से असहज

China On Maldives-India Relations: चीन ने यह भी याद दिलाया कि मुइज्जू जनवरी में बीजिंग गए थे और तब चीन को ‘सबसे करीबी मित्र’ कहा था।

उस समय उन्होंने चीन के वैश्विक शांति प्रयासों का समर्थन भी जताया था।

लेकिन मौजूदा घटनाएं यह दिखा रही हैं कि मुइज्जू अब विदेश नीति में संतुलन की राह पर हैं और भारत को फिर से प्राथमिकता दे रहे हैं।

मालदीव में भारत की वापसी

मुइज्जू सरकार की बदली हुई नीति और पीएम मोदी की सफल यात्रा इस ओर इशारा करती है कि मालदीव में भारत की मजबूत वापसी हो चुकी है।

जहां एक समय ‘इंडिया आउट’ की गूंज थी, वहीं अब ‘इंडिया इन’ की सियासत हावी है और यह बदलाव केवल रणनीतिक नहीं, बल्कि आर्थिक और कूटनीतिक रूप से भी बेहद अहम है।

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