Monday, June 9, 2025

Chenab Rail Bridge: चिनाब ब्रिज की नींव में छुपी एक महिला प्रोफेसर की कहानी, जानिए कैसे माधवी लता ने दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज संभव बनाया

Chenab Rail Bridge: जम्मू-कश्मीर की रियासी घाटी में बहती चिनाब नदी हिमालय की गोद से निकलती है और गहरे पहाड़ों को चीरती हुई आगे बढ़ती है।

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इसकी गहराई और तेज बहाव इसे खतरनाक तो बनाते हैं, लेकिन इसके ऊपर बनाया गया चिनाब रेलवे ब्रिज, ऐसा पुल जो आज भारत की तकनीकी और साहस की मिसाल बन चुका है।

यह पुल 359 मीटर ऊँचा है, जो Eiffel Tower से भी ऊँचाई में आगे है। ये दुनिया का सबसे बड़ा रेलवे ब्रिज है।

Chenab Rail Bridge: दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल

Chenab Rail Bridge: Udhampur-Srinagar-Baramulla Rail Link (USBRL) प्रोजेक्ट के तहत बना यह ब्रिज केवल एक ढांचा नहीं, बल्कि एक सपना है जो दशकों से देखा जा रहा था।

इस ब्रिज में 30,000 मीट्रिक टन स्टील लगा है, जो Eiffel Tower में लगे स्टील का लगभग चार गुना है।

यह इलाका भूकंप संभावित है, तेज़ हवाएं चलती हैं, और कई जगहों पर ज़मीन की गुणवत्ता भी खराब है।

इन सबके बावजूद, यह ब्रिज आज मजबूती से खड़ा है।

Chenab Bridge: प्रोफेसर माधवी लता, ज़मीन की गहराई से खड़ा किया सपना

Chenab Rail Bridge: इस महान उपलब्धि के पीछे एक नाम है जो हर भारतीय को जानना चाहिए। वो हैं प्रोफेसर ए.एस. माधवी लता।

IISc बेंगलुरु की यह प्रोफेसर जिओटेक्निकल इंजीनियरिंग की विशेषज्ञ हैं और उन्होंने ब्रिज की नींव और ढलानों की स्थिरता पर काम किया।

जब देश के शीर्ष इंजीनियर भी दुविधा में थे, तब प्रोफेसर लता ने कहा कि “अगर हम सफल हो गए तो?”

जोखिम से भरी ज़िम्मेदारी

Chenab Rail Bridge: उनका काम सिर्फ कागज़ पर सलाह देना नहीं था। उन्होंने खतरनाक इलाकों में टीम के साथ महीनों तक काम किया।

सैंपल ज़मीन के सैकड़ों मीटर नीचे से निकाले गए, भूकंप और हवा के सिमुलेशन बार-बार टेस्ट किए गए।

उन्होंने किसी भी तरह की अनिश्चितता को जगह नहीं दी। यह पुल उस इलाके में बन रहा था जहाँ पहले पैदल जाना भी आसान नहीं था।

शिक्षिका जिसने देश को बनाया

Chenab Rail Bridge: इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी उठाने के बावजूद प्रोफेसर माधवी लता ने अपना शिक्षक धर्म नहीं छोड़ा।

वो रात को फ्लाइट से कश्मीर से लौटतीं और सुबह कक्षा में पढ़ातीं।

उनकी छात्राओं के लिए वह सिर्फ एक प्रोफेसर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा बन गईं। ]

उन्होंने लड़कियों को सिखाया कि इंजीनियरिंग सिर्फ़ पुरुषों का क्षेत्र नहीं, बल्कि किसी भी समर्पित व्यक्ति का हो सकता है।

एक अदृश्य नायिका की विरासत

Chenab Rail Bridge: जब चिनाब ब्रिज पूरी तरह तैयार हुआ, दुनिया ने उसकी ऊंचाई और बनावट को सराहा।

लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उसकी नींव में एक महिला की मेहनत, वैज्ञानिक दृष्टि और दृढ़ निश्चय भी गड़ा है।

प्रोफेसर माधवी लता ने यह साबित कर दिया कि पुल सिर्फ़ स्टील से नहीं, इंसानी हिम्मत और सोच से बनते हैं।

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