Chattisgarh: छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच ने अब राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोप है कि इस घोटाले की रकम से चैतन्य और उनके करीबियों ने संपत्तियां खरीदीं।
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कौन हैं चैतन्य बघेल?
Chattisgarh: चैतन्य बघेल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के पुत्र हैं।
हालांकि वे खुद अभी तक सक्रिय राजनीति में नहीं आए हैं, लेकिन कांग्रेस से उनका गहरा जुड़ाव रहा है।
उनके पास कोई आधिकारिक पद नहीं है।
Chattisgarh: एक समय था जब 2018 से 2023 तक भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री रहते हुए चैतन्य के राजनीति में आने की अटकलें तेज थीं।
2024 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस सत्ता में नहीं लौटी, तो चैतन्य का राजनीतिक भविष्य भी अनिश्चित हो गया।
रियल एस्टेट से खेती तक का सफर
Chattisgarh: चैतन्य बघेल पहले रियल एस्टेट के कारोबार में सक्रिय थे।
रायपुर और आसपास के इलाकों में उनकी कई प्रॉपर्टी से जुड़ी गतिविधियों की चर्चा रही है।
हाल के वर्षों में वे पारिवारिक खेती की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
राजनांदगांव से भूपेश बघेल को लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिए जाने के बाद ये उम्मीद जताई जा रही थी कि पाटन विधानसभा सीट से चैतन्य को टिकट मिल सकता है, लेकिन चुनाव परिणामों के बाद यह योजना भी अधूरी रह गई।
ईडी के निशाने पर क्यों आए चैतन्य?
Chattisgarh: ED की जांच के अनुसार, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की बड़ी रकम को अवैध तरीके से प्रॉपर्टी में निवेश किया गया।
जांच एजेंसी को सबूत मिले हैं कि यह पैसा चैतन्य बघेल और उनके करीबियों की संपत्तियों में लगाया गया।
इससे पहले इसी मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व IAS अधिकारी अनिल टूटेजा, रायपुर के पूर्व मेयर ऐजाज ढेबर के भाई, और आबकारी विभाग के कई अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।
क्या है छत्तीसगढ़ शराब घोटाला?
Chattisgarh: इस कथित घोटाले की जड़ें भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री कार्यकाल (2018–2023) के दौरान हैं।
आरोप है कि इस दौरान शराब की बिक्री में अवैध वसूली और वितरण का बड़ा नेटवर्क तैयार किया गया।
चार्जशीट में बताया गया है कि इस घोटाले के तहत लगभग 61 लाख अवैध पेटियां शराब की बेची गईं और करोड़ों रुपये की कमाई को सफेद करने के लिए उसे प्रॉपर्टी में लगाया गया।
क्या और गिरफ्तारियां होंगी?
Chattisgarh: ED की कार्रवाई अभी जारी है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस के और बड़े नामों पर जांच की आंच पहुंच सकती है।
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी से इस केस को राजनीतिक मोड़ भी मिल गया है।
क्या चैतन्य बघेल बनेंगे घोटाले की बड़ी कड़ी?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी इस बात की ओर इशारा करती है कि ED अब इस मामले में सीधे राजनीतिक परिवारों की जांच करने में पीछे नहीं हटेगी।
जहां एक ओर कांग्रेस इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रही है, वहीं ईडी का कहना है कि उनके पास पर्याप्त सबूत हैं।
अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में चैतन्य से पूछताछ के बाद और कितने चेहरे इस घोटाले में बेनकाब होते हैं।