C.S. Vaidyanathan: भारत की संवैधानिक मूल्यों की रक्षा में अद्वितीय योगदान देने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता श्री सी. एस. वैद्यनाथन को न्यायिक क्षेत्र में पाँच दशकों से अधिक के उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान प्रदान किया गया है।
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C.S. Vaidyanathan: प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
श्री वैद्यनाथन का जन्म 8 अगस्त 1949 को कोयंबटूर, तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, बेंगलुरु से विज्ञान में स्नातक किया और मात्र 20 वर्ष की आयु से पहले मद्रास लॉ कॉलेज, चेन्नई से कानून की पढ़ाई पूरी कर ली। इसके बाद उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़, बेंगलुरु से सामाजिक कार्य में स्नातकोत्तर किया।
पेशेवर करियर की शुरुआत
C.S. Vaidyanathan: अपने करियर की शुरुआत उन्होंने DCM लिमिटेड में प्रबंधन प्रशिक्षु (Management Trainee) के रूप में की। इसके पश्चात उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता श्री एम. के. नाम्बियार और पूर्व अटॉर्नी जनरल श्री के. के. वेणुगोपाल के साथ विधिक कार्य प्रारंभ किया।
1979 में, उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड की मान्यता प्राप्त की और 1992 में वरिष्ठ अधिवक्ता बनाए गए। 1998 में, उन्हें भारत सरकार का प्रथम अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया, जहाँ उन्होंने कई संवेदनशील मामलों में भारत सरकार का प्रतिनिधित्व किया।
C.S. Vaidyanathan: ऐतिहासिक मुकदमों में भागीदारी
श्री वैद्यनाथन ने भारत के संवैधानिक, धार्मिक, और मानवाधिकार से जुड़े अनेक ऐतिहासिक मामलों में भूमिका निभाई, जिनमें प्रमुख हैं:
- राम जन्मभूमि-अयोध्या मामला – राम लला विराजमान की ओर से प्रमुख वकील
- जस्टिस वर्मा आयोग – महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े ऐतिहासिक प्रस्ताव
- राजीव गांधी हत्याकांड आयोग – तमिलनाडु पुलिस की ओर से प्रस्तुति
- कावेरी, रावी-ब्यास, नर्मदा, वामसधारा और कृष्णा नदी जल विवादों में राज्य सरकारों की ओर से प्रस्तुति
- पर्यावरण, दूरसंचार, खनन, बौद्धिक संपदा, सेवा कानून, दिवाला कानून, चुनावी विवाद आदि के अनेक महत्वपूर्ण मामले
C.S. Vaidyanathan: संस्थागत जुड़ाव और सामाजिक योगदान
श्री वैद्यनाथन की रुचि हमेशा सामुदायिक सेवा, शिक्षा, कला, संस्कृति, संगीत और नृत्य जैसे मानवीय विषयों में रही है। उन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थाओं के साथ प्रमुख पदों पर कार्य किया, जिनमें शामिल हैं:
- भारतीय विद्या भवन – अध्यक्ष / संरक्षक
- गांधर्व महाविद्यालय, शन्मुखानंद संगीत सभा, गायत्री फाइन आर्ट्स – सांस्कृतिक संरक्षक
- SOS चिल्ड्रन विलेज़ – समाजसेवी कार्य
- UIA (International Association of Lawyers) – कौंसेलियर दे प्रेसीदेंट (अध्यक्ष सलाहकार), रीजनल सेक्रेटरी (दक्षिण एशिया)
- बार एसोसिएशन ऑफ इंडिया – उपाध्यक्ष
अद्वितीय विधिक योगदान और अंतरराष्ट्रीय पहचान
C.S. Vaidyanathan: श्री वैद्यनाथन का कार्य क्षेत्र केवल भारत तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय पंचाटों, विदेशी न्यायाधिकरणों, और विविध विधिक मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उनके कानूनी तर्क, विश्लेषण और नैतिक प्रतिबद्धता ने उन्हें देश-विदेश में सम्मानित किया है।