Union Budget 2024: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई, 2024 को संसद में बजट 2024 पेश किया। इसमें विकसित भारत के लिए मोदी सरकार 9 प्राथमिकताएं तय की हैं। कृषि में उत्पादकता एवं लचीलापन, रोजगार एवं कौशल, समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय, विनिर्माण एवं सेवाएँ, शहरी विकास, आपातकालीन सुरक्षा, बुनियादी ढाँचा, नवाचार अनुसंधान एवं विकास, अगली पीढ़ी के सुधार। शिक्षा, रोजगार एवं कौशल के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। भारत में महंगाई नियंत्रण में है और ये 4% की तरफ बढ़ रहा है।
शिशु गृह और कामकाजी महिला के लिए हॉस्टल बनेंगे
दालों एवं तिलहन की उत्पादकता, रख-रखाव और बाज़ार के लिए रणनीति बनाई जा रही है। रोजगार एवं कौशल विकास में महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। कामकाजी महिला हॉस्टलों एवं शिशु गृहों की स्थापना की जाएगी। प्रतिवर्ष 25,000 छात्रों के लिए 7.50 लाख रुपए ऋण की व्यवस्था कौशल विकास के लिए की जाएगी। घरेलू संस्थानों में उच्चतर शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण पर 3% वार्षिक ब्याज छूट की व्यवस्था की जाएगी।
10,000 बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर स्थापित होंगे
कृषि अनुसन्धान के क्षेत्र में मोदी सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और जलवायु के हिसाब से फसलों को विकसित करने के लिए एग्रीकल्चर रिसर्च सेटअप की व्यापक समीक्षा की जाएगी। सरकार और बाहर से विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी, प्राइवेट सेक्टर को भी फंडिंग मिलेगी। एक करोड़ किसानों को नेचुरल फार्मिंग के लिए तैयार किया जाएगा। साथ ही 10,000 बायो इनपुट रिसॉर्स सेंटर स्थापित किए जाएंगे।
बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल का होगा विकास
‘पूर्वोदय’ के तहत बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल का विकास किया जाएगा। पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया-राजगीर-दरभंगा सड़क के लिए निधि उपलब्ध कराई जाएगी और बक्सर में गंगा नदी पर 26,000 करोड़ रुपए की लागत से पुल बनाया जाएगा। भागलपुर के पीरपैंती में 2400 MW का पॉवर प्लांट 21,400 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया जाएगा। ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम योजना’ की घोषणा भी की गई है।
50 मल्टी-प्रोडक्ट फ़ूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित होंगी
जनजातीय बहुल गाँवों के विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे। इससे 63,000 गांवों में जनजातीय समाज के 5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। MSME सेक्टर को बैंक लोन में आसानी के लिए नई व्यवस्था लाई जाएगी। मुद्रा लोन को 10 से अब 20 लाख रुपए तक बढ़ाया जाएगा। 50 मल्टी-प्रोडक्ट फ़ूड इरेडिएशन इकाइयाँ स्थापित की जाएँगी। पारंपरिक कारीगरों के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र PPP मोड में स्थापित किए जाएँगे, ताकि उन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार मिले।
इन योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ की व्यवस्था
महिलाओं एवं कन्याओं से संबंधित योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। उत्तर-पूर्व में भारतीय डाक के 100 से अधिक शाखाएं खोली जाएंगी। आंध्र प्रदेश में गोदावरी नदी पर बन रहे पोलावरम सिंचाई परियोजना के पूरी होने के बाद देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। विशाखापत्तनम-चेन्नई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए कोप्पार्थी और हैदराबाद-बेंगलुरु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए ओरवाकल नोड में इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जाएगा।