Bomb Threat To Airlines: फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी की खबरें अक्सर सामने आती रहती है। पिछले कुछ सालों से ये सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस ही के चलते नागरिक उड्डयन मंत्रालय इस पर सख्त कानून बनाने की तैयारी में है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय फ्लाइट्स में बम होने की धमकी मिलने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून लाने की तैयारी में है। अब से अगर कोई भी व्यक्ति ऐसा करता पाया जाता है तो उसे ” नो फ्लाई” केटेगरी में दाल दिया जायेगा। इसका मतलब ये है कि वो व्यक्ति फ्लाइट से कभी दुबारा सफर नहीं पाए।
सख्त कानून लाना जरुरी- नागरिक उड्डयन मंत्रालय
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने जानकारी दी कि मंत्रालय नागरिक उड्डयन नियमों में बदलाव करने पर विचार कर रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा ताकि झूठी बम से उड़ाने की धमकी देने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जा सके।
4 दिन में 25 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली
Bomb Threat To Airlines: चार दिन में कई फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिल चुकी है। अब तक अलग-अलग भारतीय एयरलाइन्स की 25 फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। इनमें इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी शामिल हैं। इसके वजह से यात्रियों और एयरलाइन्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। इन धमकियों की वजह से फ्लाइट्स के रुट बदले गए। इन सब धमकियों में से ज्यादातर धमकियां फेक थी। एक अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में मंत्रालय नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो संबंधित नियमों सहित मौजूदा नियमों में बदलाव लाने का सोच रहा है ताकि ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो सके।
बनायी जाएगी ‘नो फ्लाई’ लिस्ट
एयरलाइन के अधिकारी ने जानकारी दी है जो भी व्यक्ति फ्लाइट्स को बम से उड़ाने की झूठी खबरें फैला रहा है, उन्हें हमेशा के लिए “नो फ्लाई” की लिस्ट में डालने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल अभी नियमों के बलदाव के लिए कानून राय जुटाई जा रही है। विदेशों में ऐसे अपराध के लिए क्या कानून है इसपर भी रिसर्च की जा रही है।
अब ऐसी हरकत करने वालों की खैर नहीं
अधिकारी ने कहा, ‘हम ऐसे नियम लाना चाहते हैं जो सख्त हों’। ऐसा कुछ लाना चाहते हैं कि कोई इसके बारे में सोचे भी नहीं। बुधवार को नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बताया था कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां एयरलाइनों को बम की धमकी के सभी मामलों की एक्टिवली जांच कर रहे है। हर स्थिति पर सरकार बारीकियों से नजर रख रही है। उन्होंने विमानन क्षेत्र की सुरक्षा और परिचालन से समझौता करने के किसी भी प्रयास की कड़ी निंदा की थी।