BJP Foundation Day: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की स्थापना 6 अप्रैल 1980 को हुई थी। तब शायद किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक दिन यह पार्टी न सिर्फ भारत की सबसे बड़ी पार्टी बनेगी, बल्कि सदस्य संख्या के आधार पर पूरी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भी कहलाएगी। 2025 में पार्टी जब अपना 45वां स्थापना दिवस मना रही है, तो यह सफर कई ऐतिहासिक निर्णयों और रणनीतिक कदमों का नतीजा है। आइये जानते हैं भाजपा के वो पांच बड़े दांव जिनके कारण आज भाजपा इतनी बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।
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नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार और अमित शाह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाना
BJP Foundation Day: 2014 में भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया और उन्हें ऐतिहासिक बहुमत दिलाया। इसके बाद संगठन की जिम्मेदारी अमित शाह को सौंपी गई। जब शाह ने 2015 में कमान संभाली, तब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी थी। लेकिन शाह के नेतृत्व में भाजपा ने उस साल ही सदस्य संख्या में उसे पीछे छोड़ दिया।
ऐतिहासिक सदस्यता अभियान की शुरुआत
BJP Foundation Day: अमित शाह ने सबसे पहले सदस्यता अभियान को गति दी। “मोदी लहर” के बीच आम लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए डिजिटल माध्यमों का सहारा लिया गया। मिस्ड कॉल और ऑनलाइन फॉर्म भरकर किसी को भी भाजपा का सदस्य बनाया जा सकता था। नतीजा यह हुआ कि 2015 में पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई।
भारत जैसे बहुदलीय लोकतंत्र में इतनी सदस्यता हासिल करना किसी चमत्कार से कम नहीं था। जहां एक ओर चीन में एक पार्टी है, वहीं भारत में सैकड़ों दलों के बीच भाजपा ने यह मुकाम हासिल किया।
तकनीक का प्रभावी और सटीक उपयोग
BJP Foundation Day: भाजपा ने समय के साथ तकनीक को अपनाया और पार्टी के हर कार्य में उसका इस्तेमाल किया। सदस्यता अभियान से लेकर आंतरिक बैठकों तक, सब कुछ डिजिटल माध्यम से होने लगा। व्हाट्सएप ग्रुप, डेटा लिस्टिंग, इंटरनल ऐप्स और सोशल मीडिया के माध्यम से पार्टी की पकड़ हर वर्ग तक मजबूत होती गई। तकनीक ने न सिर्फ संचार बेहतर किया बल्कि कार्यकर्ताओं की जवाबदेही भी तय की।
राज्यवार सोशल इंजीनियरिंग और हिंदुत्व की रणनीति
BJP Foundation Day: अमित शाह ने अलग-अलग राज्यों में सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला अपनाया। जातीय समीकरणों के साथ-साथ भाजपा के मूल विचार हिंदुत्व को भी मजबूती से प्रचारित किया गया। राम मंदिर आंदोलन से जुड़े भावनात्मक मुद्दों को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जोड़कर प्रभावी प्रचार किया गया।
राज्यवार चुनावों में स्थानीय से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को मैदान में उतारा गया। यह रणनीति वोटों के साथ-साथ सदस्य जोड़ने में भी कारगर रही।
संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाना
BJP Foundation Day: भाजपा ने केवल चुनाव नहीं, बल्कि संगठन को भी प्राथमिकता दी। जिला स्तर से लेकर पन्ना प्रमुख तक की जिम्मेदारी तय की गई। हर कार्यकर्ता को उसका दायित्व और अधिकार स्पष्ट रूप से दिया गया। इससे पार्टी का ग्राउंड नेटवर्क मजबूत हुआ।
पार्टी ने आंतरिक कलह से दूर रहते हुए समावेशी संगठन खड़ा किया, जिसमें हाशिए पर रहे समुदायों को भी प्रतिनिधित्व मिला।
भारतीय जनता पार्टी के ये पांच बड़े फैसले – नेतृत्व चयन, सदस्यता विस्तार, तकनीकी उपयोग, सामाजिक समीकरण की रणनीति और संगठनात्मक मजबूती – ही हैं जिन्होंने इसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई। 6 अप्रैल का स्थापना दिवस भाजपा के इसी सुनहरे सफर की गवाही देता है।