Bisleri: भारत में पानी की बोतल का दूसरा नाम है बिसलेरी। एक वक्त था कि उद्योगपति रमेश चौहान बिसलेरी इंटरनेशनल को लगभग 7000 करोड़ में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड को बेचने जा रहे थे और इसके पीछे की वजह उन्होंने अपनी बेटी को बताई थी। रमेश चौहान का कहना था कि बिसलेरी के बिजनेस को बढ़ाने के लिए उनके पास कोई उत्तराधिकारी नहीं है और उनकी बेटी जयंती कारोबार में दिलचस्पी नहीं रखती हैं, लेकिन उनकी बेटी जंयती ने इसे बेचने से मना कर दिया। जयंती के नेतृत्व में बिसलेरी ने 2022 से लेकर 2023 तक 2300 करोड़ का बिजनेस किया और इसे एक नये आयाम पर ले गई।
Bisleri की इटली से हुई शुरुआत
एक समय ऐसा भी था जब पानी खरीद ने या बेचने की बात करने पर भी लोग हंसते थे, लेकिन ऐसी ही कुछ कहानी है देश के सबसे बड़े पानी के ब्रांड बिसलेरी की तो चलिए जानते है बिसलेरी मिनरल वाटर ब्रांड के पॉप्युलर होने के पीछे की कहानी। बिसलेरी की शुरुआत यूरोपीय देश इटली से हुई थी। सन् 1966 में इटली के फेलिस बिसलेरी ने इसे लांच किया था, लेकिन उनकी मौत के बाद उनके ही परिवार की डॉक्टर रोशनी ने कंपनी को संभाला और अपने पहचान के भारतीय वकील के साथ मिलकर 1965 में मुंबई के ठाणे में बिसलेरी का पहला वाटर प्लांट स्थापित किया गया। शुरुआत में बिसलेरी ने मार्केट में दो प्रोडेक्ट को उतारा था, जिसमें पहला बिसलेरी वाटर और दूसरा बिसलेरी सोडा था।
भारत में 5 स्टोर
अगर बात की जाये तो शुरूआत में बिसलेरी पानी से ज्यादा सोडे के लिए जाना जाता था, लेकिन बिसलेरी मार्केट में सफल नहीं हो पाई और इसने अपने ब्रांड को बेचने का प्लान बनाया। जिसके बाद 1969 में रमेश चौहान ने बिसलेरी को 4 लाख में खरीद लिया। उस समय पूरे भारत में बिसलेरी के 5 स्टोर हुआ करते थे जिसमे से 4 मुंबई में और 1 कोलकाता में था। हालांकि चौहान का सपना पानी बेचने का नहीं था। वह बिसलेरी ब्रांड के जरिए सोडा बेचना चाहते थे, लेकिन पानी बेचना कभी बंद नहीं किया।
प्लास्टिक बॉटल्स से मिली रफ्तार
जानकारी के लिए बता दें कि 90 के दशक में पानी कांच की बोतलों में बिकता था, लेकिन जैसे ही प्लास्टिक के बोतलों की मार्केट में एंट्री हुई तो पैकेज ड्रिंकिंग वाटर इंडस्ट्री हमेशा के लिए बदल गई। इसी के साथ ही वाटर इंडस्ट्री रफ्तार पकड़ने लगी। क्योंकि प्लास्टिक बॉटल्स हल्की पोर्टेबल और रिसाइकेबल थी और उसे किसी भी शॉप में आसानी से डाला जा सकता था। वहीं बिसलेरी को टक्कर देने के लिए मार्केट में एक्वाफिना और किनले जैसी ब्रांड ने एंट्री मारी, लेकिन मार्केट ने उसे बाकी के ब्रांड से अलग पहचान दी यूनिक मार्केटिंग कैंपेन ने बिसलेरी को बाजार में पॉपुलर ब्रांड बना दिया। अगर बात की जाए तो बिसलेरी वाटर की भारत में 60% हिस्सेदारी है।