7.24 करोड़ वोटरों में से केवल 0.16% आपत्तियाँ दर्ज
बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया अब अपने अंतिम दौर में पहुँच चुकी है। केवल 0.16% मतदाताओं से दावे और आपत्तियाँ प्राप्त हुई हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार 7.24 करोड़ मतदाताओं में से 98.2% ने निर्धारित समय सीमा से आठ दिन पहले ही दस्तावेज जमा करा दिए हैं।
समय से पहले पूर्ण होने की उम्मीद
यह प्रक्रिया 24 जून से 25 जुलाई 2025 तक चली, जिसमें वोटरों की गणना की गई। इसके बाद 1 अगस्त को प्रारूप मतदाता सूची जारी हुई और 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावा व आपत्तियाँ दर्ज कराने का समय तय हुआ।
अब सिर्फ 1.8% लोगों के दस्तावेज बाकी हैं जिन्हें बीएलओ और स्वयंसेवक जुटा रहे हैं। आयोग का अनुमान है कि यह कार्य भी समय से पहले पूरा हो जाएगा।
आयोग ने अधिकारियों और दलों की सराहना की
आयोग ने इस अभियान में जुड़े मुख्य निर्वाचन अधिकारी, सभी जिलों के चुनाव अधिकारियों, 243 ईआरओ, 2,976 एईआरओ, 90,712 बीएलओ और लाखों स्वयंसेवकों की मेहनत की सराहना की है।
साथ ही 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उनके 1.60 लाख बीएलए की भी भूमिका को महत्वपूर्ण बताया।
नए वोटरों की बड़ी संख्या
आयोग के अनुसार इस प्रक्रिया में 3,28,847 नए मतदाताओं ने फॉर्म 6 और घोषणा पत्र जमा किया है। ये वे युवा हैं जिन्होंने 18 वर्ष पूरे कर लिए हैं या 1 अक्टूबर तक हो जाएंगे।
दस्तावेजों का सत्यापन 25 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित होगी।
विपक्ष का विरोध और जनता का सहयोग
इस प्रक्रिया का विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है। राहुल गाँधी और तेजस्वी यादव ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाकर चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
बावजूद इसके, बिहार की जनता ने आयोग के साथ मिलकर सहयोग दिया, जिससे गणना और दस्तावेज़ीकरण का कार्य समय से पहले संपन्न होने की दिशा में है।